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दिल्ली के लोग जल्द ही टोंटी से मुंह लगाकर साफ पानी पी सकेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड को गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या का स्थायी निदान करने के सख्त निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि दिल्ली में गंदे पानी की समस्या पूरी तरह से खत्म करना है। इसके लिए डीजेबी को एक प्लान बनाकर देने का निर्देश दिया गया है। जिन इलाकों में गंदे पानी की शिकायत आ रही है, उनको चिंहित कर इसके कारणों का पता लगाने और उस पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। सीएम ने कहा कि गंदा पानी आने के कई कारण हैं। दिल्ली में कई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स पुराने हैं, जिनको आधुनिक करने का निर्देश दिया गया है। जहां अमोनिया, नाइट्रेट या आयरन जैसे पदार्थों की वजह से गंदा पानी आने की समस्या हैं, वहां पानी का इन सीटू ट्रीटमेंट किया जाएगा। इसके अलावा, जहां पर सीवर लाइन की वजह से गंदा पानी आने की शिकायत है, वहां सीवर लाइन की डि-सिल्टिंग कर इस समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा।

दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में रहने वाले लोगों को टोंटी से साफ पानी मुहैया कराने को लेकर बेहद गंभीर हैं। इसी के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों से दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। जनवरी से अब तक आधा दर्जन से अधिक बैठकें कर चुके हैं और अब पानी की आपूर्ति पर खुद नजर रख रहे हैं। उनके पास हर रोज रिपोर्ट आती है। इसी परिप्रेक्ष्य में सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को भी उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज और दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में दिल्ली की जनता को गंदे पानी की समस्या से मुक्ति दिलाने पर लंबी चर्चा हुई। साथ ही दिल्ली में जलापूर्ति क्षमता बढ़ाने को लेकर चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई।

गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या शीघ दूर करें- अरविंद केजरीवाल

समीक्षा बैठक के दौरान गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल बेहद गंभीर दिखे। इस समस्या के स्थायी निदान को लेकर सीएम ने डीजेबी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अब दिल्ली में गंदा पानी कहीं पर भी नहीं आना चाहिए। दिल्ली में चार जगहों पर फिल्टर अपडेट होना है, जिसे तत्काल अपडेट कर लिया जाए। चार पुराने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स हैं, जिनके मानक भी पुराने हैं। जिसके चलते उन प्लांट्स के अंदर टर्बोरेटरी ज्यादा है। इन सभी प्लांट्स को आधुनिक किया जाए। अगर गंदे पानी का स्रोत अमोनिया है, तो उसे खत्म करने का काम तेजी से किया जाए। पाइप लाइन को भी चेक किया जाए। अगर गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या पाइप लाइन से है, तो उसे ठीक किया जाए। अगर पाइप लाइन बदलने की आवश्यता है तो बदल दें। पानी में स्थानीय अमोनिया की समस्या को खत्म करने का प्रयास किया जाए और इसकी पूरी लिस्ट बनाकर काम किया जाए। सीएम ने कहा कि कई ट्यूबवेल से अमोनिया आने की शिकायत है। इसे भी खत्म किया जाए। कुछ जगहों पर नाइट्रेट आने की भी शिकायत है। ऐसी जगहों पर नाइट्रेट रिमूवल सिस्टम लगाया जाए। ये सारे काम एक तय समय सीमा के आधार पर किए जाएं। दिल्ली में लोगों के घरों के अंदर पहुंचने वाला पानी ऐसा होना चाहिए कि लोग टोंटी पर मुंह लगाकर उसे पी सकें।

नए ट्यूबवेल लगाने का काम हो तेज- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए ट्यूबवेल लगाने का काम तेजी किया जाए, जिससे कि जनवरी-फरवरी महीने में ट्यूबवेल्स डाउन न हों। अधिकारियों ने अवगत कराया कि ट्यूबवेल्स लगाने के लिए डीडीए से प्राप्त जमीन को देख लिया गया है और 400 स्थानों पर ट्यूबवेल्स लगाने की मंजूरी मिल गई है। इस पर सीएम ने कहा कि डीडीए की जमीन पर कब्जा लेने का प्रयास तेज किया जाए। आगामी अक्टूबर तक ट्यूबवेल्स लगाने का कार्य पूरा कर लिया जाए। जहां पर भी आवश्यकता हो, वहां आरओ प्लांट भी लगाया जाए। जहां पर जमीन की जरूरत है, वहां जमीन प्राप्त करने का प्रयास तेज किया जाए, जिससे कि जल्द से ट्यूबवेल्स लगाने का काम पूरा किया जा सके। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरी दिल्ली में कहां-कहां ट्यूबवेल्स लगाए जाने हैं, इसकी लोकेशन चिंहित कर लिया जाए और उसी के अनुसार टैंडर करें। जिससे कि सारी प्रक्रिया पूरी होते ही ट्यूबवेल्स लगाने का काम भी चालू हो जाए। इस प्रक्रिया से ट्यूबवेल्स जल्द लग जाएंगे और दिल्ली में पानी की समस्या का भी जल्द समाधान हो जाएगा।

नए ट्यूबवेल्स लगने से पानी की क्षमता 70 एमजीडी बढ़ जाएगी- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले चरण में जगह-जगह लगाए जाने वाले 450 ट्यूबवेल्स से अगले छह महीने में दिल्ली में 70 एमजीडी पानी की क्षमता बढ़ जाएगी। इसलिए इस पर काम तेजी से किया जाए। इन ट्यूबवेल्स के लगने के बाद दिल्ली में पानी की क्षमता बढ़कर 1060 एमजीडी हो जाएगी। इस कार्य को छह महीने के अंदर पूरा किया जाए। साथ ही, ट्यूबवेल्स लगाने की प्रक्रिया को निर्विध्न बनाने का भी प्लान बनाएं।

सभी अमोनिया रिमूवल प्लांट चालू करें- अरविंद केजरीवाल

अमोनिया की वजह से भी दिल्ली के घरों में गंदा पानी पहुंचता है। इसलिए अमोनिया की समस्या को समाप्त करने के लिए अमोनिया रिमूवल प्लांट लगाए जा रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी अमोनिया रिमूवल प्लांट को अगले दो से ढाई महीने के अंदर चालू कर लिया जाएगा। अभी चार प्लांट काम नहीं कर रहे हैं, उनको भी जल्द चालू किया जाए।

ट्रीटेड पानी का उपयोग झीलों में करें- अरविंद केजरीवाल

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्रीटेड पानी का अधिकतम उपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जितनी झीलें बन रही हैं, उनके कार्य में तेजी लाई जाए और जहां पर झीलें बना सकते हैं, वहां भी बनाने की प्रक्रिया तेज की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकांश ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल इन झीलों में किया जाए। यमुना में वही पानी छोड़ा जाए, जिसका बिल्कुल इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। साथ ही झीलों के साथ आरओ प्लांट लगाने का काम भी चालू किया जाए।

ट्यूबवेलों को हाईटेक सिस्टम से लैस करें- अरविंद केजरीवाल

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में लग रहे और पुराने ट्यूबवेलों को हाईटेक सिस्टम से लैस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्लस्टर के हिसाब से ट्यूबवेलों को चिंहित करके कुछ जगहों पर हाईटेक सिस्टम लगाया जाए और बाकी जगहों पर समान्य सिस्टम पर काम किया जाए। चिंहित ट्यूबवेलों पर अगले चार माह में हाइटेक सिस्टम लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।

एक जून तक फ्लोमीटर लगाने का काम पूरा करें- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने विगत दिनों हुई बैठक के दौरान वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्राइमरी और सेकेंड्री यूजीआर पर फ्लोमीटर लगाने के निर्देश दिए थे, ताकि पानी की एक बूंद भी बर्बाद न हो सके। इस पर काम शुरू हो चुका है। डीजेबी अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश फ्लोमीटर लग चुके हैं और शेष पर काम चल रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्राइमरी और सेकेंड्री यूजीआर पर फ्लोमीटर लगाने का काम एक जून तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए, ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बैठक की जानकारी देते हुए कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने आदेश दिए हैं कि दूषित पानी के असल कारणों को चिन्हित कर उन्हें ठीक किया जाए। गंदे पानी के प्रमुख कारणों पर प्रभावी तरीक़े और तकनीक की सहायता से काम हो और दिल्ली की जनता को साफ़-स्वच्छ पानी की सप्लाई की जाए।

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