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महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी व जुवेनाइल जस्टिस कमिटी के जजों ने आज अलीपुर में “वात्सल्य सदन” नामक चाइल्ड प्रोटेक्शन सेंटर के लिए इंटीग्रेटेड काम्प्लेक्स की आधारशिला रखी। केजरीवाल सरकार द्वारा विकसित किए जा रहे इस परिसर का उद्देश्य देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के सर्वांगीन विकास के लिए एक सम्मानजनक वातावरण प्रदान करना है| स्टैंडर्ड सिक्योरिटी सुविधाओं और सेफ्टी मानकों से लैस ये इंटीग्रेटेड काम्प्लेक्स में बच्चों के लिए चौबीसों घंटे स्टाफ सपोर्ट सिस्टम के साथ-साथ चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य सहायता इकाइयों को सुनिश्चित किया जायेगा|

बेसमेंट सहित 6 मंजिला इस मॉडल कॉम्प्लेक्स में एक स्पेशल होम, सेफ्टी प्लेस और ऑब्जरवेशन होम के साथ कुल 276 बच्चों को समायोजित करने की क्षमता होगी। साथ ही 11 एकड़ में फैले इस परिसर में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के लिए अलग ईमारत को भी शामिल किया गया है। इस सेंटर में रेस्क्यू किए गए बच्चों के लिए ऑब्जरवेशन रूम, लीगल ऐड क्लिनिक,नशामुक्ति केंद्र सहित अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं मौजूद होंगी| साथ ही काम्प्लेक्स में बच्चों के मनोरंजन और फिजिकल फिटनेस के लिए इंडोर-आउटडोर स्पोर्ट्स फैसिलिटीज भी विकसित की जाएगी|

महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने परिसर के डिजाइन को प्रदर्शित करने वाले महिला एवं बाल विकास अधिकारियों के जुनून को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने उन बच्चों के लिए इस सुविधा के महत्व पर जोर दिया, जिन्होंने स्याह अतीत का अनुभव किया है और उन सुविधाओं से वंचित रहे जिनके वे हकदार हैं।

इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने कहा, सरकार का दायित्व होता है कि अगर प्रकृति से किसी बच्चे को कम मिला है तो सरकार उसकी कमी को पूरा करे| और मै गर्व के साथ कह सकती हूं कि केजरीवाल सरकार इस काम को जिम्मेदारी के साथ पूरा कर रही है| उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि वात्सल्य सदन इस कर्तव्य को पूरा करने में योगदान देगा और पूरे देश के लिए बाल सुरक्षा की नजीर बनेगा|

मंत्री आतिशी ने कहा कि, “केजरीवाल सरकार हर बच्चे को एक सम्मानित जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, और आगामी वात्सल्य सदन परिसर इस प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।” उन्होंने आगे कहा कि हमें एक ऐसे भविष्य तैयार करने जरुरत है जहाँ चाइल्ड केयर संस्थानों की जरुरत न हो| इसलिए हर बच्चे को सीखने का समान और शानदार अवसर देकर हम इस इस सपने को पूरा करने का काम कर रहे है|

ज्ञात हो कि बाल संरक्षण सेवाओं के लिए यह इंटीग्रेटेड काम्प्लेक्स, ‘वात्सल्य सदन’ देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए आशा की किरण के रूप में काम करेगा, और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए एक सुरक्षित और पोषण वातावरण प्रदान करेगा। दिल्ली सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग अपने अनूठे प्रयासों की बदौलत एक ऐसे समाज के निर्माण के दिशा में काम कर रहा है जहां हर बच्चे को हर वो अवसर प्रदान किया जाए जिसके वे हकदार हैं।

कार्यक्रम के दौरान गणमान्य व्यक्तियों ने ‘वात्सल्य सदन’ के शिलान्यास का अनावरण किया और परिसर के लिए ईंटों की स्थापना की। इसके बाद बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।

उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट, सर्वोच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता अध्यक्ष, जेजेसी, दिल्ली उच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर, सदस्य, जेजेसी, दिल्ली उच्च न्यायालय; न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता, सदस्य, जेजेसी, दिल्ली उच्च न्यायालय; न्यायमूर्ति तारा वितस्ता गंजू, सदस्य, जेजेसी, दिल्ली उच्च न्यायालय; न्यायमूर्ति अमित शर्मा, सदस्य, जेजेसी, दिल्ली उच्च न्यायालय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे|

वात्सल्य सदन में क्या-क्या सुविधाएँ होंगी मौजूद

-> क्लासरूम
-> चिकित्सा कक्ष
-> किचन व डाइनिंग हॉल
-> मनोरंजन कक्ष
-> पुस्तकालय
-> परामर्श और मार्गदर्शन कक्ष
-> कंट्रोल एंड कमांड सेंटर
-> मेंटल हेल्थ यूनिट
-> सम्मेलन हॉल
-> पार्किंग

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