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दिल्लीवासिओं ने खूब धूम धाम से मनाया उत्तरैणी / मकरैणी पर्व। उत्तराखंड के कुमाऊं में इस त्योहार को उत्तरेणी और गढ़वाल में मकरैणी के रूप में मनाया जाता है। जब से दिल्ली सरकार ने उत्तरैणी/मकरैणी पर्व के लिए उत्तराखंड प्रवासियों की दिल्ली में सक्रिय विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को आर्थिक सहयोग देना शुरू किया है, तब से हर साल उत्तरैणी/मकरैणी पर्व का उत्साह दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंड और गढ़वाल के लोगों में बढ़ता ही जा रहा है। यह कार्यक्रम पटपड़गंज के मंडावली क्षेत्र में स्थित डीडीए पार्क में आयोजित किया गया I 13 जनवरी को मंडावली डीडीए पार्क में इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने लोकगीतों से लोगों को खूब झूमाया। इसके अलावा बिशन हरयाला, उषा नेगी, अनिल बिष्ट, अनुराधा निराला और अंजली खरे सहित अन्य कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति से लोगों का मनोरंजन किया।

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भरद्वाज के दिशा निर्देशन और कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के सौजन्य से दिल्ली-एनसीआर में पहली बार भव्य तरीके से उत्तरैणी मकरैणी का भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम के पहले चरण में तीन दिन यानि 13, 14 और 15 जनवरी को मंडावली वेस्ट विनोद नगर मेट्रो स्टेशन के निकट रास विहार स्थित डीडीए पार्क, बुद्धा जयंती पार्क नसीरपुर, सी-ब्लॉक जय विहार, संत नगर लेबर चौक बुराड़ी में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज इस आयोजन के माध्यम से दिल्ली में रहने वाले अलग-अलग धर्म और समुदाय के लोगों को उत्तराखंड की कीमती सांस्कृतिक धरोहर को जानने और समझने का एक सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ I कार्यक्रम में आए संगीतकारों द्वारा जो मधुर संगीत सुनाए गए, जो कला उनके द्वारा प्रस्तुत की गई, उसने हम सबको मंत्रमुग्ध कर दिया I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम इस प्रकार के कार्यक्रम दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग संस्कृतियों से जुड़े सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से कर रहे हैं, ताकि हम सबको आपस में एक दूसरे की संस्कृति के बारे में जानने और समझने का मौका मिले I

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करने के पीछे जो हमारा उद्देश्य है, वह यह है कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से अलग-अलग जाति और धर्म के लोगों के बीच में आपसी भाईचारा और सौहार्द स्थापित किया जा सके I साथ ही साथ हमारी युवा पीढ़ी को भी हमारी सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में पता चले, ताकि हमारी युवा पीढ़ी हमारी संस्कृति को और आगे लेकर जाए सके I कार्यक्रम में मौजूद उत्तराखंड और गढ़वाल के लोगों से वादा करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे I

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