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आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री का कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आज दिल्लीवालों के सामने केंद्र सरकार की पोल खोलकर रख दी है कि केंद्र सरकार ने एक साजिश के तहत वर्षों तक दिल्ली के सरकारी विभागों में पदों को खाली रखा। उन्होंने प्रश्न किया कि कई सालों तक केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के विभागों में हजारों पदों को खाली रखकर दिल्लीवालों को क्यों परेशान किया? उन्होंने आगे कहा कि एलजी साहब ने यह साबित कर दिया कि भाजपा झूठा आरोप लगाती थी कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रिंसिपलों और शिक्षकों की भर्ती सीएम अरविंद केजरीवाल को करनी थी, जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली का सर्विस विभाग केंद्र सरकार के अधीन है। चूंकि एलजी साहब केंद्र सरकार के नुमाइंदे हैं। इसलिए ये काम एलजी साहब को करना था और वे नहीं कर रहे थे।

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि मीडिया के जरिए पता चला है कि दिल्ली के एलजी ने कुछ लोगों को नौकरियां दी है। एलजी ने नियुक्ति प्रमाण पत्र देते हुए बताया कि पिछले कुछ महीनों में ही यह नौकरियां दी जा सकी हैं। इससे पहले, कई सालों से ये नियुक्तियां खाली पड़ी थीं। उन्होंने कहा कि यह बड़ी अजीब बात है कि एलजी साहब ने अपनी ही केंद्र सरकार पर एक तरह से बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली का हर एक व्यक्ति जानता है कि दिल्ली के अंदर किसी भी सरकारी विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती करना, किसी को भी सरकारी नौकरी देना, किसी भी सरकारी आदमी का तबादला करना, किसी सरकारी व्यक्ति की पोस्टिंग और उस पर कार्रवाई करना सिर्फ केंद्र सरकार के हाथ में है। चूंकि एलजी विनय कुमार सक्सेना केंद्र सरकार के नुमाइंदे हैं। इसलिए यह सारा काम एलजी साहब का है।

‘‘आप’’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब एलजी साहब ने ये कहा कि उनके आने के बाद दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 35 हजार पद खाली थे और पिछले कई सालों में ये रिक्त पद नहीं भरे गए तो उनका यह सवाल सीधे केंद्र सरकार से है। क्योंकि रिक्त पदों को भरने का काम तो केंद्र सरकार का था। अर्थात केंद्र सरकार के नुमाइंदे एलजी साहब को ही दिल्ली में इन रिक्त पदों को भरना था। हम एलजी और केंद्र सरकार से यह सवाल करना चाहते हैं कि इतने वर्षों तक क्यों केंद्र सरकार ने इन खाली पदों को नहीं भरा। क्यां इन पदों को न भरने की वजह से दिल्ली के लोगों का नुकसान नहीं हुआ? अगर फायर विभाग के अंदर रिक्त पद थे, तो क्या वो पद पहले नहीं भरे जाने चाहिए थे? ताकि दिल्ली में अगर कोई आग की घटना होती है तो उसके लिए पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी उपलब्ध हों।

उन्हांेने कहा कि अगर आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 325 प्रिंसिपलों की भर्ती की जा रही है तो यह सवाल उठता है कि पहले केंद्र सरकार ने ये पद क्यों नहीं भरे? चाहे वो पंजाब का चुनाव हो या दिल्ली नगर का चुनाव रहा हो, हर चुनाव से पहले क्यों भाजपा के नेता हर टीवी चैनल और अखबारों में झूठ बोलते थे कि इन प्रिंसिपलों को भरने का काम अरविंद केजरीवाल का है? आज एलजी साहब ने एक बड़ा जलसा करके पूरी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को एक्सपोज कर दिया। एलजी साहब ने एक तरह भाजपा को ही एक्सपोज कर दिया और आम आदमी पार्टी की सच्चाई को साबित कर दिया है कि इन पदों पर एक षड़यंत्र के तहत लोगों की भर्तियां नहीं की गईं।

‘‘आप’’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत थी तो कई वर्षों तक केंद्र सरकार ने एक षड़यंत्र के तहत उन पदों को नहीं भरा। अगर आज दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सैकड़ों डॉक्टरों की जरूरत है और उनके पद खाली पड़े हैं तो उसके लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार है। आज दिल्ली के अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में नर्सों, कंपांडर, फार्मासिस्ट के पद खाली पड़े हैं और इसकी वजह से लाखों मरीजों को परेशानी हो रही है तो उसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार है। अगर आज दिल्ली के अंदर किसी एसडीएम के दफ्तर में जाता है और एसडीएम उससे कहता है कि उसके पास तहसीलदार, कानूनगो और काम करने के लिए कोई स्टॉफ नहीं है तो उसके लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार है। एलजी साहब को इसका जवाब देना पड़ेगा कि दिल्ली वालों के साथ इतने वर्षों तक यह षड़यंत्र क्यों किया गया। इतने वर्षों में मैने खुद दिल्ली विधानसभा में कई बार सवाल पूछा कि स्कूलों में प्रिंसिपलों के कितने पद खाली हैं, अन्य विभागों में कितने पद खाली हैं। मेरी तरह कई अन्य विधायकों ने भी विधानसभा में ये सवाल लगाए और हर बार इन सवालों का जवाब आता था कि एलजी साहब के मुख्यालय से यह आदेश है कि इन विभागों में कितनी रिक्तियां हैं और क्यों नहीं भरी जा रही हैं, इस सवाल का जवाब भी दिल्ली विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों को नहीं देना है। एलजी साहब ने आज केंद्र सरकार के पिछले 8 सालों के कुकर्मों को दिल्लीवालों के सामने ला दिया है।

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