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22 अप्रैल, नई दिल्ली

आप नेता आतिशी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए भाजपा को एक्सपोज़ किया। उन्होंने बताया कि कैसे अरविंद केजरीवाल जी को इंसुलिन न मिले इसलिए ईडी और तिहाड़ प्रशासन कोर्ट को गुमराह कर रही है। उन्होंने साझा किया कि, भाजपा की ईडी और जेल प्रशासन ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल जी को एम्स के डॉक्टर को दिखाया, यह सरासर झूठ है। ईडी और तिहाड़ प्रशासन द्वारा कोर्ट में पेश होने तक केजरीवाल जी का एम्स के किसी डायबटीज़ स्पेशलिस्ट से कंसल्टेशन नहीं करवाया गया। ईडी और तिहाड़ प्रशासन ने इन्सुलिन रोकने के लिए कोर्ट में दलील दी-अरविंद केजरीवाल डाइट चार्ट फ़ॉलो करेंगे तो उन्हें न अपने डॉक्टर से कंसल्ट करने और न ही इन्सुलिन लेने की ज़रूरत जबकि कोर्ट में जो डाइट चार्ट पेश किया वह एम्स के किसी डायबटिक स्पेशलिस्ट ने नहीं बल्कि न्यूट्रिशियन विभाग की एक न्यूट्रिशनिस्ट ने बनाया था।

आतिशी ने कहा कि, 30 साल से गंभीर डायबटीज़ के पेशेंट अरविंद केजरीवाल जी की इन्सुलिन रोकने के लिए एम्स के एक सामान्य से डाइट चार्ट को कोर्ट में आधार बनाया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि, अरविंद केजरीवाल जी जिनका ब्लड शुगर लेवल 300 से ऊपर है, जिनका ईडी कस्टडी में शुगर लेवल 45 तक पहुँच गया था, क्या उनके लिए ईडी और तिहाड़ प्रशासन एम्स से ये कंसल्टेशन कर रही है? उन्होंने कहा कि, भाजपा की ईडी-तिहाड़ प्रशासन कोर्ट और पूरे देश को गुमराह करने का प्रयास कर रही है; अरविंद केजरीवाल जी अपने डॉक्टर से बात न कर सके, इन्सुलिन न ले सके इसलिए ये पूरा षड्यंत्र रच जा रहा है।

वरिष्ठ आप नेता आतिशी ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल जी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में एप्लीकेशन डाली थी कि, वो अपने डॉक्टर से, डायबटीज़ स्पेशलिस्ट से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से कंसल्ट करना चाहते है। अरविंद केजरीवाल जी ने अपने इंसुलिन को दोबारा शुरू करने की एप्लीकेशन डाली थी। इस एप्लीकेशन का विरोध भाजपा की ईडी और तिहाड़ प्रशासन ने किया।

कोर्ट में ईडी के वकील प्रस्तुत हुए और बोला कि, नहीं अरविंद केजरीवाल जी को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए अपने डॉक्टर से कंसल्ट नहीं करने देना चाहिए। कोर्ट में तिहाड़ के और से भी वकील प्रस्तुत हुए जो एलजी साहब के पर्सनल काउंसल थे, और उन्होंने भी इसका विरोध किया, अरविंद केजरीवाल जी की इन्सुलिन का विरोध करते हुए कहा कि, उन्हें इंसुलिन की ज़रूरत नहीं है।

आतिशी ने कहा कि, भाजपा की ईडी और तिहाड़ प्रशासन के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि, हम एम्स के डॉक्टर बतायेंगे कि अरविंद केजरीवाल जी को क्या चाहिए? एम्स के डॉक्टर देश के सबसे अच्छे डॉक्टर है और अगर वो कह रहे है कि, अरविंद केजरीवाल जी डाइट चार्ट फ़ॉलो करेंगे तो उनको न अपने डॉक्टर से बात करने की ज़रूरत है, न ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर से बात करने की ज़रूरत है और न ही इंसुलिन लेने की ज़रूरत है।

उन्होंने ने कहा कि, ईडी और तिहाड़ प्रशासन ने जब अपनी दलीलों में एम्स के डॉक्टरों की बात कही तब तक उन्होंने अरविंद केजरीवाल जी की एम्स के किसी भी डॉक्टर से कंसल्टेशन नहीं करवाई थी, उन्हें न किसी डॉबटोलिजिस्ट से दिखाया था। यहाँ तक कि तिहाड़ प्रशासन ने 2 दिनों पहले तक एम्स से डॉबटोलिजिस्ट की माँग तक नहीं की थी।

ईडी और तिहाड़ प्रशासन द्वारा कोर्ट में कहा गया था कि, उन्होंने एम्स के डॉक्टरों से कंसल्ट किया लेकिन हक़ीक़त ये है कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल जी को एम्स के किसी भी डॉक्टर से कंसल्ट नहीं करवाया।

आतिशी ने कहा कि, कोर्ट में तिहाड़ प्रशासन ने कागज दाखिल किया कि एम्स के बड़े डॉक्टरों ने, डायबटीज़ स्पेशलिस्ट ने अरविंद केजरीवाल जी की डाइट चार्ट बनाई है और कहा है कि यदि उन्होंने इस डाइट चार्ट को फॉलो किया तो उन्हें इन्सुलिन की ज़रूरत नहीं होगी। एम्स के इस कागज के आधार पर अरविंद केजरीवाल जी की इन्सुलिन का विरोध किया।

अब सवाल ये है कि ये डाइट चार्ट किसने बनाया? क्या ये एम्स के डायबटोलाइजिस्ट या किसी डायबटीज़ स्पेशलिस्ट ने बनाया? नहीं। हक़ीक़त ये है कि ईडी एम्स के न्यूट्रिशियन विभाग से एक स्टैंडर्ड डाइट चार्ट उठाकर ले आई।

आतिशी ने कहा कि, ईडी और तिहाड़ प्रशासन का कहना है कि, उन्होंने इस डाइट चार्ट के लिए एम्स के टॉप डॉक्टरों से कंसल्ट किया है लेकिन इस डाइट चार्ट पर साइन करने वाली डॉ. परमीत कौर कोई डॉक्टर या डायबटीज़ स्पेशलिस्ट नहीं बल्कि एक डायटीशियन है। और सभी को पता है कि डायटीशियन एमबीबीएस डॉक्टर नहीं होते है। यहाँ तक की परमीत कौर जी का लिंकडीन प्रोफाइल भी ये दिखाता है कि वो एमबीबीएस डॉक्टर नहीं बल्कि वो न्यूट्रिशियन और डायटेटिक्स में एमएससी और पीएचडी है।

आतिशी ने कहा कि, वो ज़रूर सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट होंगी, डायटेटिक्स के क्षेत्र में क्वालिफाइड होंगी लेकिन क्या अरविंद केजरीवाल जी जो दिल्ली के मुख्यमंत्री है, जिन्हें 30 सालों से डायबटीज़ है, जिनका ब्लड शुगर लेवल 300 से ऊपर है, जिनका ईडी कस्टडी में शुगर लेवल 45 तक पहुँच गया था, क्या उनके लिए ईडी और तिहाड़ प्रशासन एम्स से ये कंसल्टेशन कर रही है?

उन्होंने कहा कि, तिहाड़ प्रशासन और ईडी ने कोर्ट में जो कागज प्रस्तुत किए है वो साफ़ साफ़ ये दिखा रहे है कि, भाजपा की ईडी और तिहाड़ प्रशासन कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है, देश को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है, और अरविंद केजरीवाल जी अपने डॉक्टर से बात न कर सके, वो इन्सुलिन न ले सके इसके लिए पूरा षड्यंत्र रच रहा है।

आतिशी ने कहा कि, दुनियाभर में कोई भी डॉक्टर ऐसा नहीं होगा जो कहेगा कि ब्लड शुगर के 300 के पार पहुँचने के बाद बिना इन्सुलिन के उसे नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की जाती है, एम्स के डॉक्टरों का हवाला दिया जाता है लेकिन कोई कंसल्टेशन नहीं होती, किसी डायबटोलॉजिस्ट का डाइट चार्ट या प्रिसक्रिप्शन नहीं आया और भाजपा कहती है कि अरविंद केजरीवाल जी को इंसुलिन की ज़रूरत नहीं है

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