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नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2024

भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता के चलते शुक्रवार को दिल्ली को दलित मेयर नहीं मिल सका। दलित समाज के बेटे को मेयर की कुर्सी पर बैठने से रोकने के लिए भाजपा ने एलजी के जरिए एमसीडी मेयर का चुनाव ही रद्द करा दिया। यह बड़ा आरोप लगाते हुए ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने इतिहास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नफरती मानसिकता से ग्रसित भाजपा के लोग दलितों को तालाब में पानी पीने और कुर्सी पर बैठने से रोकते थे। उनकी यह मानसिकता आज भी जिंदा है, तभी दिल्ली को दलित मेयर नहीं मिल सका। जबकि बाबा साहब के संविधान ने पांच साल में केवल एक साल के लिए दलित समाज को मेयर बनने का अधिकार दिया है और यह भी भाजपा को बर्दाश्त नहीं है। इससे पहले भाजपा ने चंडीगढ़ में भी सफाईकर्मी के बेटे को मेयर बनने से रोकने की पूरी कोशिश की थी। अब दिल्ली में मेयर का चुनाव को रद्द कराकर भाजपा ने दलित विरोधी मानसिकता और संविधान खत्म करने की साजिश का एक और उदाहरण दे दिया है।

संघ के लोग दलितों-पिछड़ों और आदिवासियों का हक-अधिकार मारना चाहते हैं- संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से प्रत्याशी कुलदीप कुमार के साथ शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता की। संजय सिंह ने कहा कि आज इतिहास के पन्नों में दर्ज वो घटनाएं बताना चाहता हूं कि किस तरह से भाजपा और संघ से प्रेरित मानसिकता के लोग बाबा साहब डॉ. अंबेडकर जिस कुर्सी पर बैठते थे, उसको गंगा जल से छिड़क कर शुद्ध करने का काम करते थे। घृणा और नफरती मानसिकता से ग्रसित भाजपा के लोग दलितों को तालाब में पानी पीने से रोकते थे, दलितों को खाट और कुर्सी पर बैठने से रोकते थे। संघ ने अपना संविधान बनाया था कि वेद की ऋचाएं दलित के कान में चली जाए तो उनके कान में ताला डाल देना चाहिए। आज उसी मानसिकता के लोग आजादी के 75 साल बाद भी इस देश के अंदर जिंदा हैं। मैं देश के दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले लोगों से हाथ जोड़कर अपील करना चाहता हूं कि आप सावधान हो जाइए, ये संघ के लोग देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक मारना चाहते हैं, इनके अधिकार को खत्म करना चाहते हैं।

भाजपा ने दलित के बेटे को इसलिए मेयर नहीं नहीं बनने दिया, क्योंकि कुर्सी अपवित्र हो जाएगी- संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के अंदर बाबा साहब अंबेडकर का संविधान हमें अधिकार देता है कि पांच साल में एक बार दलित का बेटा भी मेयर की कुर्सी पर बैठेगा। लेकिन दलित विरोधी मानसिकता के भाजपा के लोगों ने बाबा साहब को कुर्सी पर बैठने से रोका, दलितों को तालाब का पानी पीने का विरोध किया, ये लोग आज भी उसी घृणा और मानसिकता के साथ जिंदा हैं। बाबा साहब अंबेडकर ने दिल्ली के अंदर दलित के बेटे को पांच साल में एक साल के लिए दिल्ली के मेयर की कुर्सी पर बैठने का अधिकार दिया था, भाजपा ने उस अधिकार को खत्म किया। भाजपा ने दिल्ली में मेयर चुनाव खत्म कर दिया और कहा कि दलित का बेटा मेयर की कुर्सी पर नहीं बैठ सकता। दलित का बेटा बैठा तो मेयर की कुर्सी अपवित्र हो जाएगी। इसके लिए भाजपा ने एलजी को मोहरा बनाया। भाजपा के एलजी ने कहा कि बगैर मुख्यमंत्री की सलाह के हम पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर सकते।

भाजपाई दलितों-पिछड़ों का आरक्षण मार रहे हैं और इसे खत्म करने की बात कर रहे हैं- संजय सिंह

संजय सिंह ने एक साल पहले के घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि एक साल पहले जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सबसे वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल को मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाया जाए तो एलजी ने सीएम की सलाह को फाड़कर कूड़ेदान में डाल दिया और कहा कि हम भाजपा की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी बनाएंगे। इसलिए हमारा आरोप बिल्कुल सही है कि बाबा साहब के संविधान और दलित विरोधी भाजपा ने एलजी से झूठ बुलवाया। यह उतना ही बड़ा झूठ है, जैसे इस वक्त दिन नहीं, बल्कि रात है। इस दौरान संजय सिंह ने मुख्यमंत्री की सलाह के बगैर एलजी द्वारा पिछले साल मेयर चुनाव में सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का पत्र भी दिखाया। उन्होंने कहा कि दलित विरोधी भाजपाइयों ने चंडीगढ़ में भी यही काम किया। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में एक सफाई कर्मी का बेटा मेयर की कुर्सी पर बैठने जा रहा था, तब भाजपाइयों ने वोटों की बेइमानी करके दलित के बेटे को मेयर की कुर्सी पर बैठने से रोक दिया था। दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के लोग यह नहीं भूलेंगे। भाजपाइयों के मन में दलितों के लिए इतनी नफरत और घृणा है कि वो दलितों को मंदिरों में प्रवेश करने से रोकते हैं। आज भी गुजरात के अंदर दलित का बेटा गेंद छूता है तो भाजपाई उसका अंगूठा काम लेते हैं। कर्नाटक में भाजपा का दलित सांसद गांव में घुसकर किसी कार्य का उद्घाटन नहीं कर सकता। भाजपाई पूरे देश में दलितों, पिछड़ों का आरक्षण मार रहे हैं। भागवत समेत भाजपा के नेता अरक्षण खत्म करने की बात करते हैं।

एलजी ने मनोनित पार्षदों को वोट का अधिकार दे दिया था, लेकिन कोर्ट ने रोक लगा दी- संजय सिंह

संजय सिंह ने भाजपा से पूछा कि जब पिछले साल एलजी ने मुख्यमंत्री की सलाह के बगैर भाजपा के पार्षद को पीठासीन अधिकारी बनाया था, तो इस बार मेयर का चुनाव खत्म क्यों किया? इसलिए की एक दलित का बेटा मेयर की कुर्सी पर न बैठ पाए। पिछले साल मुख्यमंत्री की बिना सलाह के बिना एलजी ने भाजपा के 10 कार्यकर्ताओं को पार्षद नामित कर दिया। मुख्यमंत्री ने पार्षद नामित करने के लिए जिनका नाम भेजा था, एलजी ने उसके खिलाफ जाकर भाजपा के 10 कार्यकर्ताओं को पार्षद बना दिया था। एलजी ने केवल पार्षद ही नहीं मनोनित किया, बल्कि इन्हें वोट करने का अधिकार भी दिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि नामित लोगों को वोट करने का अधिकार नहीं है। आज भी पार्षदों को नामित करने का मामला कोर्ट मंे लंबित है और इस वजह से अभी तक एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं हो पाया है।

भाजपा बाबा साहब के संविधान को खत्म कर भागवत के संविधान को लागू करना चाहती है- संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा कि भाजपा बाबा साहब डॉ. बीआर अंबेडकर के लिखे संविधान को खत्म करना चाहती है। भाजपा दलितों, पिछड़ों, वंचितों, शोषितों और आदिवासियों के लिए संविधान में दिए गए आरक्षण को खत्म करना चाहती है। बाबा साहब द्वारा चुनाव में दलितों को दिए गए आरक्षण को खत्म करना चाहती है। भाजपा बाबा साहब के संविधान को खत्म कर भागवत के संविधान को लागू करना चाहती है और देश में चुनाव खत्म करना चाहती है। पिछले 10 सालों में भाजपा ने देश की 6-7 राज्य सरकारों को तोड़कर अपनी सरकार बना ली। चंडीगढ़ और गुजरात के सूरत का चुनाव इसके ताजा उदाहरण हैं। अब दिल्ली के मेयर चुनाव को खत्म कर दिया गया। दिल्ली मेयर चुनाव में कांग्रेस का भी आम आदमी पार्टी को समर्थन था। हमारे पास प्रचंड बहुमत था। दलित के बेटे को मेयर बनना तय था, लेकिन भाजपा ने चुनाव रोक दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा और एलजी साहब क्यों झूठ बोल रहे हैं कि एलजी बिना मुख्यमंत्री की सलाह पर काम नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद अनेकों फाइल मंत्रियों ने सीधे एलजी को भेजी और एलजी ने उसको स्वीकृति प्रदान की। मेयर चुनाव के मामले में एलजी ने अंतिम दिन तक इंतजार किया और मंत्री को दरकिनार करते हुए ऐसा झूठ लेकर सामने आए, जिसका देश के सामने पर्दाफाश हो गया। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस बार आप अपने वोट, आरक्षण, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए वोट कीजिए।

आजादी के इतने वर्षों बाद भी भाजपा दलित विरोधी मानसिकता के साथ काम कर रही है- कुलदीप कुमार

इस दौरान कुलदीप कुमार ने कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी अगर कोई पार्टी दलित विरोधी मानसिकता के साथ काम कर रही है तो वो भाजपा है। भाजपा डॉ. अंबेडकर ने दलितों, पिछड़ों को संविधान में अधिकार तो दे दिए, केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा की तानाशाह सरकार वो अधिकार लेने नहीं दे रही है। बाबा साहब ने संविधान में भले ही पांच साल में एक बार दलित मेयर बनने का अधिकार दिया है, लेकिन भाजपा मेयर बनने नहीं देगी। भाजपा ने मेयर चुनाव को रोक कर दलित समाज के बेटे को मेयर नहीं बनने दिया, जो दिखाता है कि भाजपा दलित-पिछड़ा विरोधी मानसिकता के साथ काम कर रही है। भाजपा आरक्षण का विरोध करती है और इसे खत्म करना चाहती हैं। आज एलजी से मेयर का चुनाव रुकवा दिया गया। एक दलित समाज का बेटा मेयर बनने वाला था। आम आदमी पार्टी के पास बहुमत था। जब चुनाव आयोग ने चुनाव कराने की अनुमति दे दी तो एलजी चुनाव को रोकने वाले कौन होते हैं?

भाजपा दलित बेटियों के साथ बलात्कार करने वालों के साथ खड़ी होती है- कुलदीप कुमार

कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा ने संसद के उद्घाटन में भारत के राष्ट्रपति को केवल इसलिए नहीं बुलाया, क्योंकि वो एक आदिवासी समाज से आती हैं और एक महिला हैं। भाजपा आदिवासी और महिला विरोधी पार्टी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी नहीं बुलाया गया था, क्योंकि वो एक दलित राष्ट्रपति थे। अगर भाजपा उन्हें बुलाती तो मंदिर अशद्ध हो जाता। पूरे देश ने देखा कि मध्यप्रदेश के अंदर भाजपा के नेता ने दलित व्यक्ति के मुंह पर पेशाब किया। भाजपा शासित राज्यों में दलितों के मूंछ रखने पर उनकी हत्या की जाती है। यूपी के हाथरस में एक दलित बेटी के शव को रात में जलाया जाता है और उसके परिवार को शव नहीं दिया जाता है। भाजपा दलित बेटियों के साथ बलात्कार करने वालों के साथ खड़ी हो जाती है।

अगर भाजपा 2024 में सत्ता में आ गई तो बाबा साहब के संविधान को बदल देगी- कुलदीप कुमार

कुलदीप कुमार ने कहा कि दलित मानसिकता से ग्रसित भाजपा ने दिल्ली के मेयर का चुनाव रोकने का काम किया है। एक तरफ अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी दलितों के बच्चों को राजनीति में आने का मौका देती है और दूसरी तरफ भाजपा किसी भी हद तक जाकर दलित समाज के लोगों को राजनीति में आने से रोकना चाहती है। केंद्र सरकार की नौकररियों में भाजपा आरक्षण नहीं दे रही है और पिछले दरवाजे से आईएएस और पीसीएस को प्रवेश करने का काम कर रही है। भाजपा ने पिछले दरवाजे से आरक्षण को आरक्षण को खत्म करने का काम कर रही है। अगर भाजपा 2024 में सत्ता में आएगी तो बाबा साहब के संविधान को बदलने का काम करेगी। दलितों, महिलाओं का आरक्षण खत्म करेगी। भाजपा के षड़यंत्र के तहत एलजी ने दलित समाज के व्यक्ति को मेयर बनने से रोका है। देश के दलित-पिछड़े लोग लोकसभा चुनाव में इसका जवाब देंगे और भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी। देश का संविधान बदलने का काम रही भाजपा को देश का दलित-पिछड़ा वर्ग सत्ता से बाहर करेगी

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