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On 7th May 2017 sacked Delhi  Minister Kapil Mishra organized a press conference to level false, baseless and defamatory allegations against the party as a act of revenge for being sacked from the Delhi cabinet.
AAP Chief Spokesperson Saurabh Bharadwaj said that a rumour was spread out by Kapil Mishra when he was removed from the Ministry of Aam Aadmi Party including the Jal Board and Tourism on 6th May 2017.
The issue was highlighted by the media as it was on the front page of every daily of 8th May.

Kapil Mishra confidently claimed in the conference that he was an eye witness to the alleged  corrupt activity at the CM resience where he saw Satyendra Jain bribing CM Kejriwal with Rs 2 crore cash on 5th May 2017.

Kapil Mishra’s lie was uncurtained when AAP asked just one question that what was the time when he witnessed the bribery but he simply refused by saying that he will detail about the timings to the CBI.  To a utter shock the cctv cameras at the CM house is the evidence  that Kapil Mishra did not even visit the CM house on 5th May 2017. Kapil Mishra said that he has provided the LG with all the proofs and evidence of the bribery. It is a simple request to the LG to please reveal the time when Kapil Mishra saw the CM getting bribed.

Even the Lokayukta demanded  evidence from Mr Mishra but he again refused by saying that he will give the details only to the CBI but after all the possible efforts and lies of Kapil Mishra the CBI and the Lokayukt finally declared CM Kejriwal clean from any corruptions.

The media must now question Kapil Mishra about the basis of his allegations.

 

 

मंगलवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 6 मई 2017 को दिल्ली सरकार ने कपिल मिश्रा को मंत्री पद से हटाया था। मंत्री पद से हटते ही, अगले ही दिन यानि 7 मई 2017 को एक प्रेस कॉंफ्रेंस के माध्यम से कपिल मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर 2 करोड़ रूपए रिश्वत लेने के झूठे आरोप लगाए थे और दुर्भाग्य की बात ये है कि सभी अखबारों और न्यूज़ चैनल्स ने ये ख़बर बड़ी ही प्रमुखता से छापी थी और चलाई थी। लेकिन अब ये साफ़ हो चुका है कि मुख्यमंत्री पर लगाए गए वे सारे इल्ज़ाम झूठे और बेबुनियाद थे। एक प्रतिष्ठित अख़बार में छपी ख़बर के मुताबिक़ सीबीआई और लोकायुक्त ने मुख्यमंत्री को इस मामले में क्लीन चिट दी है।

उस वक्त मंत्री पद से हटते ही कपिल मिश्रा ने कहा था कि अब मैं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को बेनकाब करूँगा। कपिल मिश्रा ने कहा था कि ‘जब मैं 5 मई 2017 को मुख्यमंत्री आवास पर गया था, तो मेरी आँखों के सामने सत्येन्द्र जैन (मंत्री दिल्ली सरकार) ने मुख्यमंत्री को 2 करोड़ रूपए दिए और मेरे पूछने पर मुख्मंत्री ने ये कहकर टाल दिया कि राजनीति में ऐसा चलता रहता है।

ये बेहद ही दुखद है कि बिना किसी जांच पड़ताल के, सिर्फ एक व्यक्ति के झूठे आरोपों के आधार पर देश की सारी मीडिया ने लगभग 3 दिन तक ये ख़बर प्रमुखता से चलाई थी। किसी भी चैनल ने एक बार भी कपिल मिश्रा से इसकी प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिए नहीं कहा, किसी ने भी एक बेसिक सवाल तक कपिल मिश्रा से पूछने की कोशिश तक नहीं की। क्या भाजपा के किसी मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ मीडिया एक झूठे आरोप के आधार पर इतनी ही प्रमुखता से कोई ख़बर चला सकता है?

कपिल मिश्रा ने केवल और केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए ये सारा झूठा खेल रचा। कपिल मिश्रा ने लोकायुक्त में शिकायत की, उपराज्यपाल के कार्यालय में शिकायत की, ACB के दफ्तर में शिकायत की, और जब जब कहीं शिकायत करने जाते थे, तो जाते हुए एक विडियो बनाते थे, और बाहर आकर फिर एक विडियो बनाते थे, और फिर मीडिया में बयान बाज़ी करके केवल और केवल अपनी गन्दी राजनीति चमकाने का काम करते रहे।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘हम तब भी कपिल मिश्रा से एक ही सवाल पूछते थे और आज भी वही सवाल पूछते हैं कि ‘आप किस समय मुख्यमंत्री आवास गए थे?, लेकिन आज तक कपिल मिश्रा ने इस बात का जवाब नहीं दिया। लोकायुक्त के पूछने पर भी कपिल मिश्रा ने इस बात का जवाब न देकर ये कहकर टाल दिया कि मैं समय के बारे में सिर्फ़ सीबीआई को ही जानकारी दूंगा। और जब लोकायुक्त ने सीबीआई से पूछा कि कपिल मिश्रा ने क्या समय बताया, या क्या सबूत दिए, तो सीबीआई ने भी माना कि किसी भी प्रकार का कोई सबूत नहीं दिया गया है।

अंततः आज लोकायुक्त और सीबीआई दोनों ही जांच एजेंसियों ने ये बात स्वीकार की है कि कपिल मिश्रा द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे, उनके सत्यापन के लिए कपिल मिश्रा किसी भी प्रकार का कोई सबूत नहीं दे सके। जो भी आरोप लगाए गए थे वो सभी झूठे और बेबुनियाद थे और आज लोकायुक्त और सीबीआई ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सभी आरोपों से ससम्मान बरी किया।

सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता में सभी मीडिया चैनल्स और अखबारों से ये अनुरोध किया कि जिस तरह से मुख्यमंत्री पर जब झूठे आरोप लगे तो सारी मीडिया ने ये खबर 3 दिन तक बड़ी ही प्रमुखता के साथ चलाई थी, उसी प्रकार से आज जब लोकायुक्त और सीबीआई ने मुख्यमंत्री को क्लीन चिट दी है तो ये खबर भी सारे चैनल उतनी ही प्रमुखता से चलाएं और देश और दिल्ली की जनता को सच से रु-ब-रु करवाएं।

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sudhir