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  • भले ही मोदी जी और भाजपा के नेता गण फिटनेस के नाम पर इस देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सही माइने में देश फिटनेस से नहीं बल्कि इल्नेस से गुज़र रहा है: संजय सिंह

शनिवार को पार्टी कार्यालय में मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर भाजपा सरकार के 4 सालों के कार्यकाल को विकास और उन्नति की दृष्टि से देखा जाए तो इन 4 सालों में देश कंगाल हुआ है, “मोदी जी के 4 साल और देश हुआ कंगाल”।

उन्होंने कहा कि जो कुछ भी फैसले इन 4 सालों में मोदी सरकार ने किए, वो सभी जन विरोधी फैसले थे। चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने जितने भी वादे किये थे उनमें से एक भी वादा पिछले 4 सालों के कार्यकाल में ये सरकार पूरा नहीं कर पाई। मोदी जी ने कहा था कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देंगे, आज देश का युवा रोजगार ढूंढ रहा है। मोदी जी ने कहा था कि किसानों को फ़सल का डेढ़ गुना दाम देंगे, डेढ़ गुना दाम तो छोड़ो आज किसान जीने को तरस रहा है और आत्महत्या करने को मजबूर है। अगर किसान अपनी फ़सल का सही दाम मांगते हैं तो मोदी सरकार बदले में उन्हें गोली देती है।

महिला सुरक्षा के नाम पर भी मोदी जी ने इस देश की महिलाओं के साथ एक भद्दा मज़ाक किया है। मोदी सरकार ने अपने बजट में 15 पैसे प्रति महिला, प्रति दिन का प्रावधान रखा है। पिछले 4 साल में अडानी, अम्बानी जैसे चंद पूंजीपतियों को छोड़कर देश के हर तबके को मोदी जी ने सिर्फ़ हताश और निराश किया है। नीरव मोदी इस देश का 21000 करोड़ रूपए लेकर विदेश भाग गया, विजय माल्या देश का 9000 करोड़ रूपए लेकर विदेश भाग गया और मोदी जी की सरकार असहाय हाथ बांधे खड़ी रही। पिछले 4 साल में मोदी सरकार का रवैय्या कुछ इस तरह से रहा है कि 9000 रुपए का क़र्ज़ लोगे तो कॉलर पकड़ कर जेल में डाल देंगे, 9000 करोड़ का क़र्ज़ लोगे तो जहाज में बैठाकर विदेश छोड़कर आएंगे और अगर 21000 करोड़ का क़र्ज़ लोगे तो मोदी जी के साथ में फोटो खिंचवाने का भी मौका दिया जाएगा।

विपक्ष में रहते हुए जिन जनविरोधी नीतियों का भाजपा ने विरोध किया, सत्ता में आने के बाद वही सारी नीतियाँ भाजपा के लिए जनहित की नीतियाँ हो गई। विपक्ष में रहते हुए जीएसटी का विरोध किया, एफडीआई का विरोध किया, आधार का विरोध किया, और सत्ता में आते ही व्यापारियों को जीएसटी के बोझ तले दबा दिया, रिटेल में 100% एफडीआई लागू कर दी और सभी चीजों को आधार से ज़बरदस्ती जोड़ने की कवायद शुरू कर दी।

आज देश एक बड़ी मुसीबत से गुज़र रहा है वो है पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते हुए दाम। भाजपा सरकार कहती है कि क्योंकि तेल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय कीमतों से जुडी हुई हैं तो जब जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल के दाम घटते बढ़ते है तो देश में भी तेल के दाम घटते बढ़ते हैं, ये बात बिल्कुल झूठ और निराधार है। जब तक कर्नाटक में चुनाव रहे तब तक भाजपा सरकार ने तेल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की, लेकिन जैसे ही कर्नाटक का चुनाव ख़तम हुआ, पिछले 13 दिन से लगातार पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं।

मौजूदा आंकड़ों का हवाला देते हुए संजय सिंह ने कहा कि 2014 में जो एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल पर 9 रूपए और डीज़ल पर 3.46 रूपए थी वो बढ़कर 19.48 रूपए और 15.33 रूपए हो गई है। मोदी सरकार ने पेट्रोल पर लगभग 211% और डीज़ल पर लगभग 450% एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। पडोसी देशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जहाँ आज हमारे पडोसी देशों में पेट्रोल की कीमत 66, 67, 68 और 69 रूपए है वहीं तुलनात्मक रूप से भारत में पेट्रोल की कीमत 85 रूपए प्रति लीटर है।

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sudhir