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देश में सत्ताधारी बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कम्पनी मनी-लॉंड्रिंग में शामिल है, एक न्यूज़ वेबसाइट में छपी ख़बर में मौजूद तथ्यों के हिसाब से बीजेपी अध्यक्ष के बेटे जय शाह की एक कम्पनी की कुल सम्पत्ति बीजेपी के सरकार में आने के बाद 16 हज़ार गुना बढ़ गई है, लेकिन अब सवाल ये है कि क्या सीबीआई, ईडी और केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियां उन पर कार्रवाई करेंगी?

पार्टी कार्यालय में हुई प्रेस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि ‘बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की एक कम्पनी है टैम्पल एंटरप्राइज लिमिटेड, जय शाह इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। अमित शाह की पत्नी सोनल शाह भी पहले इस कंपनी में डायरेक्टर रह चुकी हैं।

टैम्पल एंटरप्राइज लिमिटेड नामक इस कम्पनी की केंद्र में मोदी सरकार के आने से पहले कोई आय नहीं थी, कोई संपत्ति नहीं थी, कोई मेज़-कुर्सी तक नहीं थी। लेकिन जैसे ही मोदी जी सत्ता में आए तो अमित शाह के बेटे की कंपनी की कमाई 16000 गुना बढ़ गई। अमित शाह के पुत्र की इस कम्पनी के पास जहां साल 2015 में मात्र 50 हज़ार रुपए ही थे, अचानक साल 2016 में कम्पनी की सम्पत्ति 80 करोड़ रुपए हो गई। एक कंपनी जो कई साल से कोई भी बिज़नेस नहीं कर रही थी अचानक उसके अच्छे दिन आ गए और वो कम्पनी रातों-रात करोड़पति हो गई। 80 करोड़ की इस आय में से 51 करोड़ रुपए विदेशी आय से कम्पनी के खातों में आए थे। और फिर ग़जब बात देखिए कि ऐसा बेहतरीन बिज़नेस करने के बावजूद, कंपनी ने अपना काम बंद भी कर दिया। इतना बढ़िया बिज़नेस करने वाली कम्पनी को कोई भला क्यों बंद करेगा? कहीं ऐसा तो नहीं कि यहां दाल में कुछ काला है? कहीं ऐसा तो नहीं कि ये सीधा-सीधा मनी-लॉंड्रिंग हो जो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने किया है।‘

जैसा अमित शाह के बेटे की कम्पनी में हुआ है यह ठीक वही तरीक़ा है जो शेल कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग में लाती हैं। कागज़ों पर ही बनी एक बेकार कंपनी को अचानक भारी लोन मिल जाता है, कभी-कभी तो पैसा विदेशी स्रोतों से भी मिलता है, और लाभार्थियों को पैसे मिलने के बाद अचानक उस कम्पनी का काम-काज बंद हो जाता है। क्या बीजेपी अध्यक्ष के बेटे जय शाह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे?

कुछ गलत चीज़ों का सबसे बड़ा संकेत यह है कि जय शाह की कम्पनी टैम्पल एंटरप्राइज को एक सूचीबद्ध कंपनी KIFS फाइनेंशियल सर्विसेज से 15.78 करोड़ रुपये का असुरक्षित लोन मिला। लेकिन KIFS फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इस लोन को छुपा लिया यानि अपनी रिपोर्ट में इस लोन को दिखाया ही नहीं। इसके अलावा KIFS फाइनेंशियल सर्विसेज की कुल कमाई उस साल केवल 7 करोड़ रुपए थी तो ये कैसे मुमकिन है कि KIFS फाइनेंशियल सर्विसेज ने जय शाह की कंपनी को अपनी कुल कमाई के दोगुने से भी ज्यादा का लोन दे दिया और फिर उस लोन को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में छुपा भी लिया?

KIFS फाइनेंशियल सर्विसेज एक एनबीएफ़सी है और इसके मुख्य प्रमोटर हैं राजेश खांडवाला जिनका सम्बंध राज्यसभा सदस्य और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शीर्ष कार्यकारी परिमल नथवानी से है।

आम आदमी पार्टी मांग करती है कि प्रवर्तन निदेशालय को तुरंत इस कंपनी की जांच शुरू करनी चाहिए। मोदीजी ने लगातार दावा किया है कि वह काले धन पर कड़ा प्रहार कर रहे हैं – अगर इस मामले में सच्चाई है तो अमित शाह के बेटे की कंपनी की जांच होनी चाहिए और पूरी जांच का विवरण देश के लोगों के साथ साझा किया जाना चाहिए। यदि मोदी जी ऐसा नहीं करते हैं तो देश क्यों ना माने कि बीजेपी अध्यक्ष का परिवार ही मनी-लॉड्रिंग में लगा है और केंद्र की मोदी सरकार उन्हें बचाने में लगी है।

 

 

Year Ending  Total Revenues  Foreign Revenues  Profit/Loss  Inventory  Reserves & Surplus  Trade Payable  Loans & Advances
 2013  Negligible        (6,230)
 2014  Negligible        (1,724)  Nil
 2015                50,000  Nil        18,728  Nil    1,900,000                5,618         10,000
 2016       805,000,000           510,000,000    90,000,000    8,020,000       26,500,000  41,400,000

 

BJP अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के कुछ और गड़बड़झाले देखिए

अमित शाह के पुत्र जय शाह की सम्पत्ति में ये बढ़ोतरी और उनकी ये किस्मत सिर्फ़ एक कंपनी तक सीमित नहीं है। वह कुसुम फ़िनसर्व एलएलपी नामक कम्पनी में भी 60% के भागीदार हैं और उस कम्पनी को लगभग 46 करोड़ रूपए की राशि 3 अलग-अलग लोन में मिली है जिसमें – KIFS फाइनेंशियल सर्विसेज से 2.6 करोड़ रुपए का लोन, कालूपुर कमर्शियल सहकारी बैंक से 25 करोड़ रुपये का लोन और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम ‘भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी’ (IREDA) से 10.35 करोड़ रुपये का लोन मिलता है

हैरानी की बात तो ये है कि 25 करोड़ रुपए का लोन कालूपुर वाणिज्यिक सहकारी बैंक ने 7 करोड़ रुपए से भी कम की संपत्तियों के गिरवी रखने पर ही दे दिया यानि सिक्योरिटी का कई गुना ज्यादा लोन बैंक ने किस आधार पर दिया? दिलचस्प बात यह है कि गिरवी रखी संपत्तियों में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की 5 करोड़ की संपत्ति और यशपाल चुडास्मा की 1.2 करोड़ रुपए की दूसरी संपत्ति शामिल है, याद रहे कि यशपाल चुडास्मा ने ही गुजरात के सोहराबुद्दीन फर्ज़ी मुठभेड़ केस में अमित शाह के लिए गवाई दी थी।

और बड़ा झोलझाल देखिए कि जिस कुसुम फ़िनसर्व नामक कम्पनी में अमित शाह के बेटे जय शाह की 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी है उस कुसुम फ़िनसर्व कम्पनी का व्यवसाय “शेयरों की ख़रीद-फरोख्त, आयात और निर्यात की गतिविधियों और डिस्ट्रिब्यूशन और मार्केटिंग” जैसे क्षेत्र में है,  लेकिन इस कम्पनी को 15 करोड़ रुपये की राशि का 2.1 मेगावाट विंडमिल प्लांट लगाने का एक प्रोजेक्ट रतलाम, मध्य प्रदेश में मिल जाता है और IREDA से बाद में लोन भी मिल जाता है। यह कैसे मुमकिन है कि एक ट्रेडिंग कंपनी को अचानक से एक बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए एक सरकारी टेंडर मिल जाता है?  क्या इस तरह की तकनीकी परियोजनाओं को हांसिल करने के लिए कोई पूर्व अनुभव या तकनीकी योग्यता की ज़रुरत महसूस नहीं हुई?

कुसम फ़िनसर्व को बिजली परियोजना और लोन देने में सीधे तौर पर भाई-भतीजावाद हुआ है क्योंकि इस कम्पनी को मिलने वाले लोन में अमित शाह की भूमिका कागज़ों पर स्पष्ट है। इस मामले में एक निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, और आम आदमी पार्टी मांग करती है कि कुसुम फ़िनसर्व और जय अमित शाह की अन्य कंपनियों के सौदों के मामले में एक स्वतंत्र जांच न्यायपालिका की निगरानी में कराई जाए और जांच के सारे तथ्यों को जनता के समक्ष रखा जाए ताकि देश की जनता को भी देश के सत्ताधारी लोगों की सच्चाई पता चल सके।

प्रेस कॉंफ्रेंस द वायर द्वारा प्रकाशित की गई उस ख़बर के आधार पर की गई जिसका लिंक यहां नीचे मौजूद है

The Golden Touch of Jay Amit Shah

पार्टी की पूरी प्रेस कॉंफ्रेंस आप यहां नीचे दी गई वीडियो में देख सकते हैं –

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