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आप के साढ़े तीन साल मोदी के 12 साल पर भारी : केजरीवाल

 

आज दिल्ली के स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है : अरविन्द केजरीवाल

 

दुनिया के कोने- कोने से बड़े बड़े लोग दिल्ली के स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक देखने आ रहे हैं : अरविन्द केजरीवाल

 

देश, पार्टी से बड़ा है।अगर कभी पार्टी और देश में से किसी एक को चुनना पड़े तो देश को चुनना, पार्टी को छोड़ देना : केजरीवाल

नवम्बर 26, 2018। “पिछले साढ़े तीन साल में हमने दिल्ली में जो काम करके दिखाए हैं, उसकी प्रशंसा देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में हो रही है। मोदी जी जब प्रधानमंत्री बने तब सरे देश में घूम- घूम कर गुजरात मॉडल का गुणगान कर रहे थे। मैं मोदी जी को चैलेंज करता हूँ कि गुजरात के स्कूल देख लें और दिल्ली के स्कूल देख लें। गुजरात की बिजली व्यवस्था देख लें और दिल्ली की बिजली व्यवस्था देख लें। गुजरात की सड़कें देख लें और दिल्ली की सड़कें देख लें।गुजरात की सीवर व्यस्था देख लें और दिल्ली की सीवर व्यस्था देख लें और तय कर लें कि गुजरात डेवलपमेंट मॉडल बेहतर है या दिल्ली डेवलपमेंट मॉडल बेहतर है। ”
आम आदमी पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बातें कहीं।

 

आम आदमी पार्टी की स्थापना के 6 साल पूरे होने पर पार्टी कार्यालय में सोमवार को एक कार्यकर्त्ता सम्मलेन का आयोजन किया गया। आयोजन में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल के साथ सभी लोकसभा प्रभारी, कई विधायक एवं हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जो काम करके दिखाए, उतना काम पिछले 70 सालों में नहीं हुआ था। दिल्ली के शिक्षा एवं चिकित्सा व्यवस्था में आम आदमी पार्टी ने जो आमूल चूल परिवर्तन किये हैं,उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। विदेशों से आकर लोग दिल्ली के स्कूल और मोहल्ला क्लिनिक देख रहे हैं और हमारे कामों की तारीफ कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के सरकार ने दिल्ली में स्कूलों की दशा बदल कर रख दी है। दिल्ली के इतिहास में पहली बार सरकारी स्कूलों में मेगाPTM का आयोजन किया गया, जिसमे सभी बच्चों के अभिभावकों और अध्यापकों का सीधे संवाद करवाया गया,ताकि अभिभावक अपने बच्चे की सही स्थिति जान सकें और उस पर उचित सुधार कर सकें। दिल्ली सरकार के स्कूलों से शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को विदेशों में भेजा गया, ताकि वो और बेहतर शिक्षा के तरीके सीख सकें और अपने स्कूलों के बच्चों को और भी बेहतर शिक्षा दे सकें। दिल्ली में प्राइवेट स्कूल सालों से अपनी मनमानी करते आ रहे थे। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में एक बार भी प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी। और इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ के जिन प्राइवेट स्कूलों ने सरकार के आदेश के खिलाफ फीस बढ़ाई, हमारी सरकार ने उन सभी स्कूलों से अभिभावकों को बढ़ी फीस वापस दिलवाई।

आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो किया वो किसी भी राज्य की सरकार ने आज तक नहीं किया। आप सरकार ने दिल्ली के सभी अस्पतालों में सभी प्रकार के इलाज और सभी दवाइयां मुफ्त कराई। दिल्ली में एक योजना शुरू की गई की कि अगर सरकारी अस्पताल में किसी भी प्रकार के ऑपरेशन की एक महीने बाद की तारीख मिलती है तो वह व्यक्ति प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करा सकता है, और उसके इलाज का सारा खर्चा दिल्ली सरकार देगी। इसके अलावा अगर किसी भी व्यक्ति के साथ कोई सड़क दुर्घटना हो जाती है तो उसे सरकारी के जगह किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है तो उसके इलाज का सारा खर्चा दिल्ली सरकार देगी, और दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने वाले व्यक्ति को दिल्ली सरकार बतौर इनाम 2000 रुपए देगी, ताकि लोगों में एक-दूसरे की मदद करने की भावना पैदा हो और दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को सही समय पर इलाज मिल सके।

उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जो काम किये हैं उनकी तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। इसका सबूत ये है कि दुनियां भर से अलग-अलग देशों के पूर्व मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व सेक्रेटरी जनरल अपने-अपने डेलिगेशन के साथ दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल देखने आ रहे हैं। देश-विदेश के अख़बारों में दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों और स्कूलों की तारीफ आए दिन देखने को मिलती है। मोदी जी के 12 साल के शासन पर हमारे साढ़े तीन साल के काम भारी हैं। हमने गुजरात मॉडल को हर तरीके से पीछे छोड़ दिया।

कार्यक्रम के अंत में अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी का नाम जब भी आता है तो देश भक्ति की भावना आती है। केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कभी लालच मत करना। हमेशा देश की सेवा में ऐसे ही तत्पर रहना। देश, पार्टी से बड़ा है।अगर कभी पार्टी और देश में से किसी एक को चुनना पड़े तो देश को चुनना, पार्टी को छोड़ देना।

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sudhir