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देश के संघीय ढांचे को बचाने के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित धरने में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान शामिल हुए। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने कहा कि देश का संघीय ढांचा हमारे संविधान और लोकतंत्र का आधार है, केंद्र में बैठी भाजपा इसे ख़त्म करना चाहती है। देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र को बचाने की यह लड़ाई हम सबकी है। उन्होंने कहा कि देश के आधे राज्यों मे विपक्ष की सरकारें हैं, जिन्हें केंद्र सरकार काम नहीं करने दे रही है। केंद्र इन राज्यों का जायज फंड नहीं दे रहा है, राज्यपालों- उपराज्यपालों के जरिए हर काम में टांग अड़ा रही और जांच एजेंसियों को भेज कर किसी को भी जेल में डाल दे रही है। इन्होंने पीएमएलए के तहत हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया है, जबकि अभी न जांच शुरू हुई है और न आरोप साबित हुआ है। इस तरह तो ये मुझे या किसी को भी जेल में डाल देंगे और निर्दोष साबित होने से पहले वो बाहर नहीं आ सकेगा। इसलिए देश की जनता तय करे कि लोगों को मुफ्त सुविधाएं देने वाला भ्रष्टाचारी है या सबकुछ महंगा करने वाला भ्रष्टाचारी है।

केंद्र में बैठी भाजपा ने विपक्ष की सरकारों के खिलाफ युद्ध छेड़ा हुआ है- अरविंद केजरीवाल

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जंतर-मंतर वह जगह है, जहां देश की जनता सरकारों के उत्पीड़न से तंग आकर धरने-प्रदर्शन करने आती है। केंद्र सरकार के ज्यादती के खिलाफ आज यहां केरल के मुख्यमंत्री को सारा काम छोड़कर जंतर-मंतर पर धरना करने आना पड़ा है। देश को यह दिन भी देखना था। आज देश के लगभग आधे राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं और आधे राज्यों के अंदर उन लोगों की सरकारें हैं। विपक्ष की सरकारें देश के करीब 70 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अर्थात आधे देश का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस वक्त ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने विपक्ष की सरकारों के खिलाफ युद्ध छेड़ा हुआ है। हम लोगों के साथ हिन्दुस्तान-पाकिस्तान कर रखा है।

केंद्र सरकार विपक्ष दलों की सरकारों को प्रतड़ित करने के लिए सारे हथकंडे अपना रही है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम केंद्र सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या आप 70 करोड़ लोगों को अपना नहीं मानते हैं, क्या आप केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के लोगों को अपना नहीं मानते हैं, क्या ये सारे लोग पराए हैं, क्या ये भारत के नागरिक नहीं हैं। इन राज्यों के लोगों ने विपक्ष को चुनकर अपनी सरकार बनाई है। संविधान के अंदर इन सरकारों के अधिकारों और शक्तियों के बारे में स्पष्ट लिखा है, लेकिन केंद्र सरकार विपक्ष की सरकारों को अपना काम ही नहीं करने दे रही है। केंद्र सरकार विपक्ष की सारी सरकारों को प्रतड़ित करने के लिए सारे हथकंडे अपना रही है।

सीएम ने कहा कि मोटे तौर पर केंद्र सरकार तीन तरह से विपक्ष की सरकारों को तंग कर रही है। पहला, देश के जिन राज्यों मे विपक्ष की सरकारें हैं, उन राज्यों को उसका जायज फंड नहीं दे रही है। केंद्र से ये फंड लेने का सभी राज्यों को हक है। दूसरा, केंद्र सरकार राज्यपाल और उपराज्यपाल के जरिए विपक्षी दलों की सरकारों के काम में रोज टांग अड़ाती है। तीसरा, एजेंसियों को भेज कर किसी को भी पकड़कर जेल में डाले जा रहे हैं।

केंद्र सरकार से हम भीख नहीं मांग रहे हैं, बल्कि अपने राज्य की जनता का हक मांग रहे हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से राज्यों को जायज फंड न मिलने पर कहा कि रोज हम सभी इस बात को झेल रहे हैं कि केंद्र सरकार से जो जायज फंड हमारे राज्य के बनते हैं, वो फंड हमें नहीं दिए जा रहे हैं। हमारे राज्य को फंड नहीं दिए जाएंगे तो काम कैसे चलेंगे, केरल, तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब की सरकारें कैसे चलेगी? हम यहां केंद्र सरकार से भीख मांगने नहीं आए हैं, अपने घर-अपने परिवार के लिए पैसे मांगने नहीं आए हैं। हम सभी लोग अपने राज्य की जनता के लिए पैसे मांगने आए हैं। पंजाब के सीएम अपने तीन करोड़ लोगों के लिए फंड मांगने आए हैं, मैं अपने दिल्ली के दो करोड़ लोगों का हक मांगने के लिए आया हूं। संविधान में लिखा है कि कितना पैसा किस सरकार को मिलेगा? केरल, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के लोगों को जो संवैधानिक हक है, केंद्र सरकार उसे कैसे छीन सकती है, उन राज्यों के लोगों का काम कैसे रोक सकते हैं? अगर केंद्र सरकार राज्यों को उनका जायज फंड नहीं देगी, तो हम सड़कें कैसे बनाएंगे, बिजली कैसे देंगे, लोगों को विकास कैसे करंेगे?

दिल्लीवाले हर साल दो लाख करोड़ टैक्स देते हैं और बदले में केंद्र मात्र 325 करोड़ रुपए देती है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने केरल के 8400 करोड़ रुपए रोक रखा है। पंजाब के 8 हजार करोड़ से अधिक का फंड रोका है। कुछ दिन पहले पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट गई कि केंद्र सरकार हमारे हक का ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) का 5500 करोड़ रुपए जारी नहीं कर रही है। केरल भी कोर्ट गया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई होनी है। अब कंेद्र सरकार से फोन आया है कि आइए बैठ कर बात करते हैं। क्या हम छोटी-छोटी बातों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे? सुप्रीम कोर्ट के पास और भी बहुत से काम हैं। सुप्रीम कोर्ट जनता के काम से भरा हुआ है। यह क्या बदतमिजी है। केंद्र सरकार अपना काम करे और हमें अपना काम करने दे। क्या अब हमें अपने हक का फंड लेने के लिए जंतर-मंतर पर आना पड़ेगा? सीएम ने कहा कि दिल्ली के लोग हर साल लगभग 2 लाख करोड़ रुपए इनकम टैक्स देते हैं और इसके बदले में दिल्ली के लोगों को मात्र 325 करोड़ रुपए मिलते हैं। इतना तो अंग्रेजों ने भी नहीं लूटा होगा, जितना ये लोग लूट रहे हैं। यह तो अब हद हो गई है।

दिल्ली में एलजी सरकार के छोटे-छोटे काम में भी टांग अड़ा रहे हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने राज्यपाल और उपराज्यपालों के जरिए राज्य सरकारों के काम में अड़चनें पैदा करने को लेकर कहा कि केंद्र सरकार राज्यपालों और उपराज्यपालों के जरिए राज्य सरकारों को तंग कर रही है, जबकि संविधान में साफ-साफ लिखा हुआ है कि ये राज्य सूची के विषय हैं। राज्य सूची के विषयों के अंदर भी रोज राज्यपाल-उपराज्यपाल टांग अड़ा रहे हैं। सबसे दिलचस्प घटना पिछले साल पंजाब के अंदर हुई। पिछले साल पंजाब सरकार विधानसभा में बजट सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल के पास फाइल भेजी, लेकिन राज्यपाल ने बजट सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी। पूर्ण राज्य की एक चुनी हुई सरकार का मुख्यमंत्री और उसकी कैबिनेट प्रस्ताव पारित करके कहती है कि हम अमुक दिनांक से बजट सत्र बुलाएंगे, जिसमें राज्य का अगले साल का बजट पास करेंगे। जब राज्यपाल ने बजट सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी तो पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को खूब फटकार लगाई। समस्या यहां यह भी है कि इन लोगों को सुप्रीम कोर्ट रोज फटकार लगाता है, लेकिन इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। पूरा देश देख रहा है कि दिल्ली के अंदर कैसे उपराज्यपाल सरकार के छोटे से छोटे काम में टांग अड़ा रहे हैं।

पहले अपराध की जांच होती थी और सजा मिलने पर दोषी जेल जाता था, लेकिन अब ये बिना केस के ही किसी को जेल भेज रहे हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार का ईडी अब एक नया हथियार बन गया है। अभी तक देश के अंदर यह कानून था कि अगर आपने कोई अपराध किया है तो उसकी जांच होती थी, फिर मुकदमा चलता था। मुकदमे में तय होता था कि कौन-कौन दोषी और निर्दोषी है। दोषी को सजा मिलती थी और वो जेल जाता था। मुकदमा खत्म होने के बाद कोई जेल जाता था, जब उसे दोषी माना जाता था। लेकिन अब ये लोग तय कर लेते हैं कि किसको जेल भेजना है। पहले पीएमएलए कानून के तहत उसको पकड़ लेते हैं और जेल में डाल देते हैं। फिर सोचते हैं कि इस पर क्या केस बनाएं और केस बनाने के बाद वो व्यक्ति तब तक जेल में रहता है, जब तक कि मुकदमा पूरा न हो जाए और निर्दोष साबित न हो जाए। हमारे देश में मुकदमें पूरे होने में 15-15 साल लग जाते हैं। पीएमएलए कानून में यह लिखा है कि किसी को भी पकड़कर जेल में डाल दो और जब तक वो आदमी निर्दोष साबित नहीं हो जाता है, तब तक जेल से बाहर नहीं आएगा। यह तो बहुत खतरनाक है।

हेमंत सोरेन को जेल भेजकर 48 घंटे तक उनकी पार्टी तोड़ने की कोशिश करते रहे, लेकिन असफल रहे- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीएमएलए कानून के तहत इन्होंने झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया है। अभी तक उनके उपर कुछ भी साबित नहीं हुआ है, अभी उनके उपर मुकदमा नहीं चला है। अभी तो मुकदमा शुरू भी नहीं हुआ है, जांच चल रही है। लेकिन अगर उनके मुकदमें को पूरा होने में 15 साल लग गए तो हेमंत सोरेन 15 साल जेल में रहेंगे। ऐसे तो कल मुझे भी पकड़ कर जेल में डाल देंगे, विजयन, स्टालिन साहब को पकड़कर जेल में डाल देंगे। ये किसी को भी पकड़ कर जेल में डाल देंगे और उसकी सरकार गिरा देंगे। हेमंत सोरेन को जेल में डालने के बाद 48 घंटे तक उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश करते रहे, लेकिन जेएमएम के विधायक इनके सामने नहीं टूटे। इस तरह किसी को भी जेल भेज कर उसकी सरकार तोड़ देंगे और अपनी सरकार बना लेंगे। देश में यह क्या चल रहा है?

भाजपा वालों को अहंकार नहीं करना चाहिए, समय का चक्र घूमता रहता है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये लोग कह रहे हैं कि केजरीवाल भ्रष्ट है। मैंने दिल्ली में बिजली फ्री कर दी है। पूरे देश में सबसे महंगी बिजली मध्यप्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में मिल रही है। मैं पूछना चाहता हूं कि बिजली फ्री करने वाला चोर है या बिजली महंगी करने वाला चोर है। दिल्ली में मैंने अमीर-गरीब सबका सरकारी अस्पतालों मे इलाज मुफ्त कर दिया, लेकिन इन लोगों ने मध्यप्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों का बेड़ा गर्क कर दिया। जनता तय करे कि लोगों का इलाज फ्री करने वाला चोर है या इलाज महंगा करने वाला चोर है। ये लोग किसी को भी पकड़कर चोर-चोर चिल्लाने लगते हैं। आज देश का बहुत बुरा हाल है। यह देश केवल हमारा नहीं है, यह देश 140 करोड़ लोगों का है। मैं भाजपा वालों को कहना चाहता हूं कि समय का चक्र घूमता रहता है, समय बड़ा बलवान है। अहंकार मत करो। भगवान न करें कि कल जब समय का चक्र घूमेगा, तुम इधर होगे और हम उधर होंगे, तो कहीं ऐसा न हो कि उस समय यही कानून तुमको खाने के लिए दौड़ें।

पंजाब के राज्यपाल ने सरकार के बजट सत्र को अवैध ठहरा दिया था और हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा- भगवंत मान

इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। हम हर साल 182 लाख मीट्रिक टन चावल उगाकर देश को देते हैं। इन लोगों ने हमारा ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) का 5500 करोड़ रुपये का रोक रखा है। इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। हमारे राज्यपाल ने सदन के सत्र को ही अवैध ठहरा दिया। इसके बाद हमें अपना सत्र बीच में ही बंद करके सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। वहां जाकर वो पहली पेशी में ही मान गए कि सदन का सत्र वैध हैं। आप सत्र शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में 117 विधानसभा सीटों पर 92 विधायक आम आदमी पार्टी के हैं, जबकि बीजेपी के केवल दो हैं। पंजाब में बीजेपी विपक्ष में भी नहीं है, लेकिन वहां राज्यपाल ही रोज कोई न कोई चिट्ठी निकाल देते हैं। गुजरात और उत्तर प्रदेश का राज्यपाल कभी ऐसे सीएम को चिट्ठी नहीं लिखता है, केवल तमिलनाडु, केरल आदि में यह हो रहा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि उपराज्यपाल किसी मामले को अटका नहीं सकता है, यहां चुनी हुए सरकार राज करेगी। बाद में केरल के केस में भी कोर्ट ने पंजाब के मामले का हवाला दिया था। चंडीगढ़ मेयर चुनाव घोटाले में भी सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया था। ये एक मेयर चुनाव में ऐसा घोटाला कर सकते हैं तो आने वाले लोकसभा चुनाव में क्या करेंगे।

केंद्र सरकार ने पंजाब का जीएसटी, एनएचएम, आरडीएफ समेत कई योजनाओं का पैसा रोक रखा है- भगवंत मान

सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब अपना हक मांग रहा हैं, अपने एमएसपी की मांग कर रहा है। पंजाब से सबसे ज्यादा लोग फौज में जाते हैं। इन्होंने पंजाब की कुर्बानियों और संस्कृति को दिखाने वाली तीन शानदार झांकियों को गणतंत्र दिवस की परेड में शाामिल नहीं होने दी। पूरी दुनिया में पंजाबी बसते हैं, लेकिन ये मोहाली और अमृतसर एयपोर्ट को इंटरनेशनल नहीं बनने दे रहे हैं। हम यहां भीख मांगने नहीं आए हैं, हम अपने हक का पैसा मांगने आए हैं। इन लोगों ने हमारे जीएसटी, एनएचएम, आरडीएफ और अन्य योजनाओं का पैसा रोक रखा है। हम विकास की राजनीति करते हैं। हम स्कूल, अस्पताल, क्लीनिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात करते हैं।

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