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भारतीय जनता पार्टी ने 51% के हकदार सवर्णों को 10% में बांध कर रख दिया : सौरभ भारद्वाज

 

सूत्रों से पता चला है कि संविधान में बदलाव करना और सवर्णों को 10% आरक्षण देना एक साजिश है, इस प्रयोग के माध्यम से भाजपा दलितों को मिलने वाला आरक्षण को खत्म करने की साजिश रच रही है : आतिशी

 

भाजपा केवल और केवल दलितों को मिलने वाला आरक्षण खत्म करना चाहती है : मनोज कुमार

 

नई दिल्ली, बुधवार, 9 जनवरी 2019। एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार का सवर्णों को 10% आरक्षण देने का जो प्रस्ताव आया है, दरअसल वह केवल एक छलावा है। भारतीय जनता पार्टी 51% के हकदार सवर्णों को 10% आरक्षण में उलझाना चाहती है।

 

उन्होंने कहा जैसा की सबको पता है आरएसएस पिछले 70 सालों से देश के भीतर से पिछड़े वर्ग को मिलने वाला आरक्षण खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार का यह फैसला दरअसल उस दिशा में पहला कदम है। भाजपा का मकसद सवर्णों को 10% आरक्षण देना नहीं बल्कि इस बहस में देश को उलझा कर, एससी एसटी और ओबीसी को मिलने वाला आरक्षण समाप्त करना है।

 

प्रेस वार्ता में मौजूद पूर्वी दिल्ली से आप लोकसभा प्रभारी आतिशी ने कहा जब कभी भी किसी ने आरक्षण के विरोध में मोर्चा निकाला है तो भाजपा सदैव उनके साथ खड़ी नजर आई है। 10% का यह प्रस्ताव एक प्रयोग मात्र है। अगर भाजपा इस प्रयोग में सफल होती है, तो इस माध्यम से संविधान में संशोधन करके अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को मिलने वाला आरक्षण समाप्त करना हो सकती है।

 

आतिशी ने कहा हमें कई सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह भाजपा और आरएसएस का सांझा षड्यंत्र है। भाजपा और आरएसएस देश से जातिगत आरक्षण को समाप्त करना चाहती है। आम आदमी पार्टी का यह कहना है कि अगर भाजपा ने देश से  दलितों को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की तो आम आदमी पार्टी उसका पुरजोर विरोध करेगी।

 

प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी के विधायक मनोज कुमार जो कि खुद भी दलित समाज से संबंध रखते हैं, उन्होंने कहा की भाजपा का सवर्णों को यह 10% आरक्षण देना केवल और केवल एक जुमला है। क्योंकि लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और भाजपा अभी 3 राज्यों में बुरी तरह से चुनाव हारी है। उसी हार को देखते हुए डर की वजह से भाजपा ने देश की जनता को लुभाने के लिए यह 10% आरक्षण का जुमला छोड़ा है।

 

भाजपा को न तो सवर्णो से कुछ लेना-देना है और न ही भाजपा को देश के संविधान पर भरोसा है। ये वही भाजपा है जिसने कुछ समय पहले दिल्ली में देश के संविधान की कॉपियों फाड़ी थी।  आरएसएस और भाजपा का मकसद सदैव, दलितों को मिलने वाला आरक्षण समाप्त करना रहा है। और भाजपा का यह कदम उसी षड्यंत्र का एक हिस्सा हो सकता है।

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sudhir