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लोकसभा चुनाव में बीजेपी के दिल्ली विरोधी चरित्र का पर्दाफाश करेगी आप

 

आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता को बताएगी कि मोदी और शाह दिल्ली की जनता से नफरत करते हैं।

 

भाजपा ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया 2014 के चुनाव में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का किया था वादा।

 

आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के समक्ष भाजपा के असली चरित्र का पर्दाफाश करेगी घर-घर जाकर लोगों को बताएंगे कि किस तरह से भाजपा ने दिल्ली की जनता से झूठ बोला और पिछले 5 सालों से दिल्ली की जनता के साथ भाजपा अन्याय करती आ रही है।

 

आम आदमी पार्टी पुरजोर तरीके से दिल्ली में संघर्ष करेगी और जनता को बताएगी कि किस तरह से नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपनी ही पार्टी के संस्थापक एवं पिता तुल्य स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई और श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी के दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के सपनों को चूर चूर किया है।

आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के बीच भाजपा के 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक के सभी घोषणा पत्रों को लेकर जाएगी जिसमें भाजपा ने दिल्ली की जनता से पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की बात कही थी जिसके तहत दिल्ली की जनता ने दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों को जीता कर भेजा परंतु मोदी और शाह ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया।

आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता को बताएगी कि अब समय आ गया है कि खोखले वादों और झूठ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा केवल वही लोग लोकसभा के लिए चुने जाएंगे जो उनके मुद्दों को लोकसभा में उठाने के लिए तैयार होंगे।

 

दिल्ली के लोग अब अन्य राज्य में रहने वाले लोगों की वोट की कीमत की तुलना में अपने वोट की कीमत को कम आंकने के लिए तैयार नहीं है। दिल्ली के कॉलेजों में दिल्ली के छात्रों का प्रवेश कौन सुनिश्चित करेगा? दिल्ली के शिक्षित युवाओं को सरकारी नौकरी क्यों नहीं मिलती? दिल्ली निवासियों की सुरक्षा दिल्ली की पुलिस के लिए तृतीय स्थान पर क्यों है?

आम आदमी पार्टी दिल्ली के घर घर जाकर जनता को बताएगी कि किस तरह से भाजपा सरकार ने 2015 में एक अधिसूचना जारी कर कर दिल्ली की निर्वाचित सरकार की सभी कानूनी शक्तियों को छीन लिया।

इतिहास में पहली बार हुआ था कि दिल्ली सरकार ने प्रचंड बहुमत के साथ एक सरकार चुनी थी और आम आदमी पार्टी ने इमानदारी से दिल्ली की जनता के लिए काम करना शुरू किया था परंतु भाजपा को यह इमानदारी रास नहीं 2015 में मोदी जी ने एक अधिसूचना जारी कर दिल्ली की जनता की लोकप्रिय सरकार से सारी शक्तियां छीनकर सरकार को असहाय बना दिया दिल्ली में जो भ्रष्टाचार रोधी शाखा एसीबी थी वह भी दिल्ली सरकार से छीन ली।

 

भारत के संविधान में भूमि पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था पर केंद्र सरकार के नियंत्रण की अनुमति है हालांकि यह दिल्ली की जनता के लिए अनुचित है परंतु दिल्ली के लोगों ने इस स्थिति को स्वीकार कर लिया था लेकिन मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार के कुछ अन्य प्रमुख अधिकारों को भी बिना किसी औचित्य और कारणों के महल दिल्ली की जनता से अपनी हार का बदला लेने और दिल्ली की सरकार को ठप करने के लिए छीन लिया।

सर्विसेज- इसके तहत सभी दिल्ली सरकार के अधिकारी एवं कर्मचारी वर्ग 1 से 4 तक अब केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को रिपोर्ट करें मतलब दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार अब एक चपरासी का भी ट्रांसफर नहीं कर सकती चुनी हुई सरकार को अब यह भी पता नहीं कि आज दिल्ली सरकार के विभागों में कितने खाली पद मौजूद हैं।

 

क्या भारत में इस तरह के शासन का कोई अन्य उदाहरण है जहां कोई कर्मचारी निर्वाचित सरकार को रिपोर्ट नहीं करता बल्कि उसका राजनीतिक विरोधी, केंद्र सरकार के राजनीतिक रूप से नियुक्त उपराज्यपाल को करता है। पूरे स्टाफ को वेतन भुगतान दिल्ली सरकार करती है परंतु उनके स्थानांतरण पद और अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का दिल्ली सरकार को कोई अधिकार नहीं।

यह पूछे जाने पर कि श्रीमती शीला दीक्षित और अन्य मुख्यमंत्री सहित, पहले सभी कार्य कैसे सुचारू रूप से चलते थे तो जवाब है कि उनके कार्यकाल मैं सभी सेवाएं एसीबी मुख्यमंत्री के अधीन होती थी यह पहली निर्वाचित दिल्ली सरकार है जो एसीबी के मामलों एवं सेवाओं से पूरी तरह से बाहर हो गई है यह भाजपा ही है जिसने वास्तव में दिल्ली के लोगों को धोखा दिया है।

दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना ने 1993 में 69 वा संशोधन कर कहा था की यह एक सी ग्रेड असेंबली है:

 

Madan Lal Khurana finds himself powerless as CM1993 https://www.indiatoday.in/magazine/special-report/story/19931231-madan-lal-khurana-finds-himself-powerless-as-cm-811961-1993-12-31

 

स्वर्गीय खुराना जी के उत्तराधिकारी स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा ने 1971 में कहा था कि एक शक्तिहीन मुख्यमंत्री होने की बजाय मैं खेती करना पसंद करूंगा।

बम ब्लास्ट मामले को सुलझाने में दिल्ली पुलिस की अक्षमता पर मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने नाराजगी जताई थी।

 

https://www.indiatoday.in/magazine/indiascope/story/19980126-cm-sahib-singh-verma-miffed-with-delhi-police-incompetence-825491-1998-01-26

 

कांग्रेस के दिग्गज नेता श्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में भाजपा के संस्थापक एवं भारत के उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री रह चुके श्री लालकृष्ण आडवाणी ने अगस्त 2003 में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का विधेयक पेश किया था जिसको पार्लियामेंट्री कमिटी ने पास कर दिया था। 2004 में लोकसभा में विरोध के कारण दिल्ली को पूर्ण राज्य देने का प्रस्ताव खारिज हो गया। यह भाजपा के संस्थापक स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई और श्री लालकृष्ण आडवाणी जी का दशकों पुराना वादा था जो उन्होंने हर चुनाव में दिल्ली की जनता से किया था।

2004 से लेकर 2014 केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही कांग्रेस ने भी हर चुनाव में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही परंतु कांग्रेस दिल्ली की सरकार को कभी भी सारी शक्तियां देने के हक में नहीं रही। यह बात कांग्रेस द्वारा संविधान में किए गए 69 वें संशोधन से और जीएनसीटीडी एक्ट जोगी स्वर्गीय नरसिम्हा राव जी कि सरकार द्वारा बनाया गया था, साबित होती है।

2004 से 14 के दशक में भाजपा लगातार दिल्ली की जनता से झूठा वादा करती रही कि अगर हम सत्ता में आएंगे तो दिल्ली की जनता को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे।

फरवरी 2015 के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत के बाद केंद्र की मोदी सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर दुश्मनी और दिल्ली की हार का बदला लेने का काम किया जा रहा है। गिरफ्तारियां छापे 400 से अधिक फाइलों की अवैध बरामदगी और अफसरशाही को दबाना तथा निर्वाचित दिल्ली सरकार को ठप करने की खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं।

अंत में हर दिल्लीवासी का यह जानना बेहद जरूरी है कि उसके क्षेत्र का और उसके राज्य के विकास की चाबी उसके खुद के हाथ में है इस प्रकार के असंवैधानिक आदेशों और कानूनी कार्यवाही ओं का कोई असर नहीं होगा अगर एक बार जनता तय कर ले कि इस बार लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा को उनके झूठ बोलने और दिल्ली की जनता के वोट का मजाक उड़ाने का जवाब देगी।

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sudhir