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OFFICE OF THE MINISTER SC/ST, GOVT OF DELHI
7 मार्च 2019
नई दिल्ली/ दिल्ली सचिवालय:
 
दिल्ली सरकार के 144 सदस्यीय अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वेलफेयर बोर्ड की दूसरी बैठक।
एससी/एसटी एट्रोसिटी एक्ट के बेहतर क्रियान्वन के लिए दिल्ली पुलिस से सभी थानों और जिलों में सर्कुलर जारी किया जाए।
दिल्ली में कहीं भी सीवर के अंदर कोई भी सफाई कर्मचारी दिखे तो बोर्ड मेंबर्स दिल्ली पुलिस और नगर निगम के माध्यम से इस पर तुरंत संज्ञान लें।
 
आज दिल्ली सचिवालय में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अनुसूचित जाति वेलफेयर बोर्ड की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की, जिसमे प्रिंसिपल सेक्रेटरी यदुवंशी जी, एडिशनल कमिश्नर दिल्ली पुलिस , नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं सभी वेलफेयर बोर्ड मेंबर्स ने हिस्सा लिया।
 
इस बोर्ड के द्वारा दिल्ली में अनुसूचित जाति/जनजाति की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाना, समय समय पर विभाग को सुझाव देना, और सरकार के साथ मिलकर सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद तक पहुंचाना, नई योजनाओं को लागू आदि होता है।
इस बोर्ड के 144 सदस्यों के माध्यम से दिल्ली सरकार के कामों को गति देने के लिए इस बैठक का आयोजन किया गया ताकि आने वाले समय में समाज कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित जनहितकारी योजनाओं की पहुँच दिल्ली के हर एक क्षेत्र तक हो सके. यह बोर्ड दिल्ली सरकार के अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लोगों से सम्बंधित योजनाओं को जमीनी स्तर पर सरकार की योजनाओं के बारें में लोगों को अवगत कराने का कार्य करता है.
 
144 सदस्यीय बोर्ड के सदस्यों को संबोधित करते हुए राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि “दिल्ली सरकार द्वारा एससी/ एसटी, ओबीसी, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक से बढ़कर एक बेहतरीन योजनाएं लागू की जा रही हैं लेकिन इन्हे जमीनी स्तर पर पहुंचाने की जरूरत है और वह बोर्ड के माध्यम से आसानी से संभव हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि एससी/एसटी समाज के किसी व्यक्ति पर यदि कोई अत्याचार होता है तो वह एससी/एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत अगर कोई मुकदमा दर्ज किया जाता है और तुरंत संबंधित डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट को सूचित किया जाता है। डीएम उस पर कार्यवाही करने हेतु एससी/एसटी विभाग को सूचना देते हैं। अमूमन यहीं प्रक्रिया अपनाई जाती है। और इसलिए दिल्ली पुलिस भी इस बोर्ड में मेंबर के तौर पर अपनी भूमिका भी निभाती है।
लेकिन कई मामलों में कोताही बरती जाती है। इसलिए बोर्ड मेंबर्स की ड्यूटी है कि किसी भी तरह के अत्याचार के मामले उनके संज्ञान में आते है तो वह तुरंत इस प्रक्रिया के तहत दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर पीड़ित की मदद करें।
उन्होंने आगे कहा, एससी/एसटी एट्रोसिटी एक्ट के बेहतर क्रियान्वन के लिए दिल्ली पुलिस से सभी थानों और जिलों में सर्कुलर जारी किया जाए जिसमे इससे संबंधित सुझाव शामिल हो और प्रक्रिया की जानकारी मिल सके।
विभाग द्वारा एससी/एसटी समाज के लिए सभी योजनाओं को विस्तार से बताने के बाद उन्होंने हाल ही में दिल्ली सरकार की बड़ी उपलब्धि का जिक्र किया जिसके तहत सफाई कर्मचारियों को सीवर सफाई के लिए 200 मशीनें मुहैया कराई गई। इसके संबंध में उन्होंने बताया कि मैनुअल स्केवेंजिंग दिल्ली में पूरी तरह बैन होने के बाद भी सीवर के अंदर सफाई कर्मचारियों को भेजा जाता है। जबकि सरकार इस पर पूरी तरह से सख्त है और इस पर आईपीसी 304 के तहत मुकदमा भी दर्ज करने का प्रावधान है। जबकि पहले इस पर 304 A में मुकदमा दर्ज होता था। लेकिन फिर भी निजी ठेकेदार इस काम के लिए सफाई कर्मचारियों को सीवर के अंदर भेजने का काम करते हैं।
सभी बोर्ड मेंबर्स इस बात को सुनिश्चित करें कि दिल्ली में कहीं भी वह इस तरह की गितिविधी होते हुए देखें तो तुरंत दिल्ली पुलिस और नगर निगम के माध्यम से इस पर तुरंत संज्ञान लें। ताकि दिल्ली सरकार की मुहिम पूरी तरह से सफल हो सके और आने वाले समय में सीवर के अंदर कोई कर्मचारी अपनी जान न गंवाएं।
सभी एससी/एसटी फंड द्वारा किए गए कार्यों के लिए मॉनिटरिंग कमिटी का घटन हो जिसमे सभी कार्यों की गुणवत्ता के लिए लगातार निगरानी की जा सके। इसमें कुछ मेंबर्स बोर्ड से ही चुने गए है।
 
एडिशनल कमिश्नर दिल्ली पुलिस ने अपने वक्तव्य में कहा कि एससी/एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा मौजूदा प्रक्रिया के तहत ही होता है लेकिन अगर कुछ मामलों में ऐसा नहीं हो पाया तो उसके लिए दिल्ली पुलिस क्षमा प्रार्थी है और भविष्य में ऐसा न हो, यह सुनिश्चित करती है। दिल्ली पुलिस इस एक्ट को बेहद संजीदगी से लेती है और सभी मामलों को 60 दिन के भीतर सुलझाने की कोशिश करती है।
उन्होंने आगे कहा, जैसा मंत्री जी ने बताया हम बेहतर क्रियान्वन के लिए सभी थानों के माध्यम से इसकी भी जानकारी और प्रक्रिया जन जन तक पहुंचाने का काम करेंगे ताकि भविष्य में दिल्ली पुलिस से कोई चूक न हो।
मीटिंग के अंत में सभी मेंबर्स से सुझाव भी लिए गए और आने वाले समय में अगली मीटिंग जल्द बुलाई जाए यह सुनिश्चित भी किया गया।

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sudhir