Scrollup

देश का लोकतंत्र ख़तरे में: अरविंद केजरीवाल

हर बटन पर सिर्फ़ BJP को ही वोट देने वाली EVM कानपुर के गोविंदनगर से गईं थी

चुनाव आयोग की ऐसी क्या मजबूरी थी कि नियम-कानून ताक़ पर रखकर यूपी चुनाव की EVM मध्य प्रदेश भेजीं ?

यूपी चुनाव में बड़े स्तर हुई है EVM के साथ छेड़छाड़, सभी मशीनों की जांच की जाए

जिस तरह से मध्य प्रदेश में एक ऐसी EVM सामने आई है जिसमें कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी को वोट जा रहा है। ये भी सुनने में आया है कि उस मशीन समेत कुल 300 मशीनें उत्तर प्रदेश के कानपुर के गोविंदनगर से मध्य प्रदेश के उपचुनाव के लिए मंगाई गईं हैं। ऐसा इन मशीनों में क्या ख़ास था जो नियम-कानूनों को तोड़ते हुए ये विशेष EVM ही मध्य प्रदेश भेजी गईं हैं? ऐसा देखने के बाद देश के लोकतंत्र पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग जाता है। आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग से मांग करती है कि ऐसी मशीनों की जांच कराई जाए और सच्चाई जनता के समक्ष रखी जाए।

इस मुद्दे पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘हाल ही में सामने आया कि मध्य प्रदेश के भिंड में होने वाले उपचुनाव में इस्तेमाल होने वाली EVM में कोई भी बटन दबाने पर वीवीपैट मशीन से बीजेपी के चुनाव चिन्ह की पर्ची निकल रही थी और उसपर बीजेपी प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी का नाम छपकर आ रहा था। उत्तर प्रदेश के कानपुर की गोविंदनगर विधानसभा से सत्यदेव पचौरी बीजेपी की तरफ़ से चुनाव लड़े थे और भारी अंतर से जीत दर्ज़ की थी, चुनाव आयोग ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि मध्य प्रदेश में ये मशीनें उत्तर प्रदेश की गोविंदनगर विधानसभा से ही गईं हैं। नियम यह कहता है कि किसी भी चुनाव नतीजों के बाद 45 दिन तक उसमें इस्तेमाल हुईं मशीनें किसी दूसरी जगह नहीं भेजी जा सकती क्योंकि अगर कोई भी नतीजों को लेकर कोई याचिका लगा देता है तो मशीनों का क्रॉस-सत्यापन किया जा सके। लेकिन चुनाव आयोग ने सारे नियम-कानूनों को ताक़ पर रखकर यूपी चुनाव में इस्तेमाल हुईं मशीनों को समय से पहले ही मध्य प्रदेश भेज दिया।

इन सब बातों के सामने आने के बाद इस देश की जनता चुनाव आयोग से कुछ सवाल पूछना चाहती है-

1. ऐसी क्या मजबूरी थी कि मध्य प्रदेश के उपचुनाव के लिए EVM उत्तर प्रदेश के गोविंदनगर विधानसभा से भेजी गईं?

2. इन मशीनों में ऐसा क्या ख़ास था जो सारे नियम-कानूनों को तोड़ते हुए चुनाव आयोग ने वक्त से पहले ही इन मशीनों को किसी दूसरी जगह इस्तेमाल करने के लिए भेज दिया?

3. सिर्फ़ बीजेपी को ही वोट डाल रही टैम्पर्ड़ EVM को बदलने कि बजाए उसकी जांच क्यों नहीं कराई जा रही है?

‘हमे शक़ है कि बाकि 300 मशीनों के सॉफ़्टवेयर के साथ भी छेड़छाड़ की गई है और हमारी मांग है कि उसकी टैम्पर्ड़ मॉशीन के साथ-साथ उन सभी मशीनों की भी जांच कराई जाए। हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि ‘EVM की चिप के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती क्योंकि उसकी चिप को पढ़ा नहीं जा सकता’। लेकिन हमारा मानना है कि चिप के साथ और सॉफ़्टवेयर के साथ छेड़छाड़ संभव है और हम चुनाव आयोग से ग़ुज़ारिश करते हैं कि या तो आयोग ख़ुद उस मशीन के सॉफ़्टवेयर और चिप की जांच कराके सारी सच्चाई जनता के समक्ष रखेे और या फिर वो मशीन हमें दे दें, हमारे पास एक्सपर्ट मौजूद हैं, हम उस मशीन की जांच कराके नतीजे के साथ मशीन वापस चुनाव आयोग को सौंप देंगे। देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए ऐसा करना बेहद ज़रुरी है।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

sudhir