Scrollup

आप वरिष्ठ नेता राजेन्द्र पाल गौतम व मंत्री दिल्ली सरकार ने
संत रविदास मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बढ़ी जमीन देने के फैसले का स्वागत।

सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेताओं का झूठ हुआ बेनकाब, केंद्र सरकार ने हीं तुड़वाया था रविदास मंदिर।

जेल में डाले गए सभी बेकुसूर 96 दलित युवकों को रिहा किया जाए।

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2019

आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा तुगलकाबाद स्थित संत रविदास मंदिर पर आए फैसले को लेकर एससी/एसटी मंत्री व आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र पाल गौतम ने संतगुरू रविदास मंदिर को फिर से उसी स्थान पर 400 मीटर जगह में बनाने के लिए आज के उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले पर कहा कि भाजपा को दिल्ली की समस्त जनता सहित देशभर में संत गुरू रविदास जी के 40 करोड़ अनुयायियों से माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा ने इस मुद्दे पर संत गुरु रविदास मंदिर के मानने वाले 40 करोड़ अनुयायियों की आस्था से खिलवाड़ किया है व उन्हें गुमराह किया है।

अगर, भाजपा चाहती तो इस मंदिर को टूटने से बचाया जा सकता था। ऐसा होने से संत रविदास जी को मानने वालों की भावनाएं आहत नहीं होती और राजधानी में इतने धरने-प्रदर्शन नहीं करने पड़ते।

मेरी अपील है कि 96 बेकसूर युवाओं को जेल से जल्दी रिहा किया जाए।

उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले पर उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर संत रविदास के मानने वालों से माफी मांगने चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि आज के फैसले से यह तो साबित हो गया कि भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी तथा भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता जी इतने समय से दिल्ली की जनता के सामने एक झूठ फैला रहे थे, कि संत रविदास मंदिर मामले का समाधान दिल्ली सरकार की ओर से होना है। संत रविदास मंदिर को केंद्र शासित डीडीए ने गिराया था, यह तो जगजाहिर था ही, साथ ही सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के वकीलों द्वारा दायर किए गए हलफनामे से यह साबित हो गया है कि मंदिर की जमीन केंद्र शासित डीडीए के अधीन ही थी और उस पर निर्माण की अनुमति केंद्र सरकार के द्वारा ही मिलनी थी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले भी कहा था कि यह जमीन केंद्र शासित डीडीए के अधीन आती है। डीडीए इस जमीन को डिनोटिफाई करके भेजें तो हम तुरंत प्रभाव से इस पर कार्यवाही करते हुए जो भी प्रक्रियाएं दिल्ली सरकार की तरफ से होनी है वह सब प्रक्रिया पूर्ण करेंगे। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मैंने स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं डीडीए के चेयरमैन को चिट्ठी भी लिखी थी। जब दोनों की ओर से हमारी चिट्ठी का कोई जवाब नहीं आया तो हमने इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन भी किया। आम आदमी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने संत रविदास जी के मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर भाजपा कार्यालय का घेराव भी किया था। इसके बाद 21 अगस्त को हमने अंबेडकर भवन से लेकर रामलीला मैदान तक एक पैदल मार्च का भी आयोजन किया, जिसमें देशभर के दलित समाज से जुड़े लोगों ने लाखों की संख्या में हिस्सा लिया।

अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार चाहती तो संत रविदास जी के मंदिर को टूटने से रोका जा सकता था। क्योंकि भाजपा और उसके सभी नेता पहले से ही जानते थे कि जिस भूमि पर मंदिर स्थित है वह भूमि केंद्र शासित डीडीए के अधीन आती है। परंतु क्योंकि भाजपा दलित समुदाय के प्रति एक क्षीण मानसिकता रखी है, उस घृणित मानसिकता के चलते ही भाजपा ने मंदिर को तोड़ने की कार्यवाही को नहीं रोका, जिसके कारण देश में इतना बड़ा आंदोलन हुआ और रविदास मंदिर के निर्माण की मांग करते दर्जनों मासूम दलित युवकों को जेल जाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि 2 महीने से जो 96 युवक जेलों में बंद हैं, उनके 2 महीने की जिंदगी जो आपने खराब की, सरकार उसकी भरपाई करे। दूसरा, जो भी केस उन 96 युवकों पर लगाए गए हैं, वह सभी केस वापस लिए जाएं और सभी को जल्द से जल्द रिहा किया जाए।


When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

sudhir