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दिल्ली में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचारों को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार के एससी/एसटी कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने मंगलवार को दिल्ली के सभी जिलाधिकारियों से साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 का किस तरह से पालन किया जा रहा है, इस विषय पर अधिकारियों के साथ गहन चर्चा की और सभी जिलों की रिपोर्ट मांगते हुए स्थिति का जायजा लिया। बैठक में दिल्ली के सभी जिलों से डीएम, एसडीएम, दिल्ली पुलिस, कानून विभाग व एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के संचालन से संबंधित विभिन्न विभाग से वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे।

बैठक में दिल्ली के अंदर अनुसूचित जाति/अनुसूचित के ऊपर बढ़ रहे अत्याचारों के विषय पर चर्चा की गई। इस बात पर जोर दिया गया है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के पीड़ितों को दिल्ली सरकार किस तरह से कानूनी सहायता प्रदान कर सकती है, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द इंसाफ मिल सके और इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके। इसी के साथ बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि कैसे एससी/एसटी अत्याचार पीड़ितों को सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता राशि को प्रभावी रूप से पीड़ित तक पहुंचाया जा सके। साथ ही महंगाई और आवश्यकता को देखते हुए इस राशि को बढ़ाने की संभावनाओं को तलाशने पर जोर दिया गया।

बैठक में एससी/एसटी कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत घटते दोषसिद्धी दर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचार को अंजाम देने वाले अपराधों के पकड़ना और उन्हें दोषी सिद्ध करना आवश्यक है, तभी समाज से अपराध कम होगा और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोग सम्मान से अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे। एससी/एसटी कल्याण मंत्री ने सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि उनके जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के ऊपर अत्याचार की कोई भी घटना होने पर उसकी तुरंत शिकायत दर्ज की जाए। एससी/एसटी कल्याण मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिल्ली में अगर किसी भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी की महिला के साथ यौन उत्पीड़न होता है तो उसे दिल्ली सरकार की तरफ से तुरंत वकील उपलब्ध कराया जाए ताकि पीड़िता को इंसाफ मिले।

एससी/एसटी कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने बैठक में सभी अधिकारियों के साथ गहन चर्चा करते हुए कहा कि हर जिले में एससी/एसटी के ऊपर हो रहे अत्याचारों पर संज्ञान लेने के लिए “एट्रोसिटीज बोर्ड” बनाया जाए। जिसमें हर विधानसभा से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का एक सदस्य बोर्ड में शामिल हो। इस प्रकार से दिल्ली में हर जिले के अंदर एससी/एसटी लोगों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के रोकथाम में मदद मिलेगी और समय रहते इनकी शिकायतों का निवारण करना संभव होगा।

बैठक में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत पीड़ित व्यक्ति या उसके परिवार को मिलने वाली मुआवजा राशि के विषय पर भी चर्चा की गई। एससी/एसटी कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने बैठक में सुझाव देते हुए कहा कि एससी/एसटी एक्ट के तहत पीड़ित व्यक्ति या परिवार को सरकार की तरफ से जो मुआवजा मिलता है उसका आज के समय में क्या महत्व है हमें इस विषय को और गहराई से समझना चाहिए। आज के समय में महंगाई और आवश्यकता को देखते हुए एससी/एसटी कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने सभी अधिकारियों को मुआवजा राशि को बढ़ाने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के विषय में जल्द ही आगामी बैठक की जाएगी।

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