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अनुसूचित जाति/ जनजाति मंत्री कार्यालय, दिल्ली सरकार

नई दिल्ली : 05/11/2019


एससी/एसटी वेलफेयर बोर्ड की बैठक का आयोजन मंत्री व बोर्ड के चेयरमैन राजेंद्र पाल गौतम के नेतृत्व में।

शीघ्र ही 4% की दर से झुग्गी झोपड़ी एवं रेहड़ी पटरी वालों के लिए ₹40000 तक की ऋण योजना होगी लागू।

डीएसएफडीसी द्वारा दिए जाने वाली सभी ऋण योजनाओं को विस्तार से बताया।

पूरी दिल्ली जल्द होगा ऋण कैंप का आयोजन।

• दिल्ली अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक एवं विकलांग वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आज राजेंद्र पाल गौतम के नेतृत्व में एससी/एसटी वेलफेयर बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया।

इस बैठक में विभाग के स्पेशल सेक्रेट्री, निगम के डायरेक्टर, विभाग के अधिकारी व वेलफेयर बोर्ड मेंबर शामिल हुए।

सर्वप्रथम निगम की क्रियान्वित योजनाओं को बताते हुए निगम के जनरल मैनेजर ए के भटनागर ने विस्तार से निगम द्वारा दिए जाने वाले ऋण योजनाओं को बताया कि किस तरह समाज इन योजनाओं का लाभ लेकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकता है।

निगम द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं में कंपोजिट ऋण योजना, दिल्ली स्वरोजगार योजना, परिवहन ऋण योजना, शैक्षिक ऋण योजना व प्रशिक्षण ऋण योजना शामिल हैं।

कंपोजिट ऋण योजना में तीन लाख तक का लोन दिया जाता है 6 परसेंट की वार्षिक ब्याज दर पर जिनकी आयु 18 से 50 वर्ष के बीच है इसी योजना में 50,000 तक के ऋण पर कोई गारंटी नहीं है यह योजना झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले जिनका घर पक्का है उन पर भी लागू होगी इसके अंतर्गत अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को ₹10000 की सब्सिडी भी दी जाती है।

दिल्ली स्वरोजगार योजना में 5 लाख तक का ऋण 6% वार्षिक दर पर उपलब्ध कराया जाता है जिसकी अदायगी 60 मासिक किस्तों में करनी होगी।

इस योजना के तहत शीघ्र ही झुग्गी झोपड़ी एवं रेहड़ी पटरी वालों के लिए ₹40000 तक की ऋण योजना को चालू किया जा रहा है जिसमें कोई गारंटी नहीं है तथा ऋण 4% वार्षिक दर पर दिया जाएगा इस योजना के अंतर्गत भी सभी लाभार्थियों को रुपए 10000 की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।

जल्द ही निगम द्वारा पूरी दिल्ली में कैंप का आयोजन किया जाएगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिल सके।

दिल्ली सरकार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए चलाई जाने वाली सभी योजनाओं को विस्तार से बताते हुए मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बोर्ड मेंबर्स से अनुरोध किया कि इस बोर्ड की जिम्मेदारी है विभाग द्वारा बनाई जाने वाली सभी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं और उन्हें लाभ लेने में मदद करें।

जिस तरह दिल्ली सरकार अनुसूचित जाति जनजाति के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है ऐसा पहले किसी सरकार में नहीं हुआ,उन्होंने कहा।

ऐसे देखा गया कि पिछले कुछ सालों से लोन लेने की प्रक्रिया जटिल प्रक्रिया को संभव कर पाना बेहद मुश्किल होता था। आज सभी शर्तों को आसान कर दिया गया है और समय सीमा भी 45 दिनों के बजाए 15 दिन कर दी गई है जो पहले कई महीनों तक हो जाती थी।


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sudhir