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दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ड्राइवरों द्वारा निर्धारित बस स्टॉप पर महिला यात्रियों के लिए बसों के न रुकने के मुद्दे पर आज एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में परिवहन विभाग, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डीआईएमटीएस) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दोषी ड्राइवरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपायों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा “दिल्ली सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और ड्राइवर, कंडक्टर और मार्शल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की है। पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली सरकार ने दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण क़दम उठाए हैं साथ ही इसे विशेष रूप से महिलाओं के लिए अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने पर ध्यान केंद्रित किया हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”

बैठक के दौरान निम्नलिखित निर्णय लिए गए:

  1. ट्रैफिक टीमों की तैनाती: बसों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कल से 200 से अधिक ट्रैफिक टीमें, जिनमें से प्रत्येक में 2-3 अधिकारी होंगे, प्रमुख टर्मिनलों और बस स्टॉप पर तैनात की जाएंगी।
  2. सादे कपड़ों की टीमें: स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए एक सप्ताह की अवधि के लिए टर्मिनलों और व्यस्त बस क्यू शेल्टर में सादे कपड़ों में अतिरिक्त टीमों को तैनात किया जाएगा।
  3. चालकों और परिचालकों को संवेदनशील बनाना: डिपो प्रबंधक चालकों और परिचालकों को यात्रियों, विशेष रूप से महिला यात्रियों के प्रति उनकी जिम्मेदारियों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए सत्र आयोजित करेंगे।
  4. रिफ्रेशर कोर्स: डीटीसी ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए एक रिफ्रेशर कोर्स आयोजित करने के लिए गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के साथ सहयोग करेगा। पाठ्यक्रम उन्हें विभिन्न पहलुओं के बारे में संवेदनशील बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें निर्दिष्ट बस स्टॉप पर रुकना और निर्दिष्ट बस लेन में ड्राइविंग करना शामिल है।
  5. निगरानी के लिए मोबाइल टीमें: डीटीसी और डिम्ट्स क्रमशः 10 और 16 सदस्यों वाली मोबाइल टीमें स्थापित करेंगी, जो चालकों और परिचालकों के व्यवहार पर नजर रखने के लिए बसों में यात्रा करेंगी।
  6. केंद्रीकृत डेटाबेस: चालकों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाया जाएगा, जिससे ड्राइवरों का पूरा रिकॉर्ड होगा। ड्राइवरों की भर्ती इस डेटाबेस से उनके रिकॉर्ड की गहन जांच पर निर्भर करेगी।
  7. शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई: वाहन चालक के विरुद्ध किसी भी प्रकार की शिकायत होने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जांच लंबित रहने तक चालक को निलंबित करना शामिल है।
  8. जन जागरूकता अभियान: परिवहन विभाग एक विज्ञापन जारी कर यात्रियों से ड्राइवरों या कंडक्टरों द्वारा दुर्व्यवहार या अनुशासनहीनता की घटनाओं की रिपोर्ट ‘वन-दिल्ली’ ऐप के माध्यम से करने का आग्रह करेगी। यह संदेश बसों के भीतर एलईडी डिस्प्ले पर भी प्रदर्शित किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, एक आदेश, जो पहले 18 फरवरी, 2020 को जारी किया गया था, जिसमें ड्राइवर द्वारा इस तरह की घटना के लिए जुर्माने का प्रावधान था, को फिर से जारी किया जाएगा और व्यक्तिगत रूप से सभी ड्राइवरों को उनके संबंधित डिपो प्रबंधकों द्वारा दिया जाएगा। एक रेडियो जिंगल भी प्रसारित किया जाएगा, जो यात्रियों को ड्राइवर या कंडक्टर की अनुशासनहीनता के बारे में शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

इन पहलों के साथ, दिल्ली सरकार का लक्ष्य महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और शहर में सार्वजनिक परिवहन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करना है। इन उपायों के कार्यान्वयन से चालकों और परिचालकों के व्यवहार और आचरण में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।

इससे पहले दिन में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि कैसे कुछ ड्राइवर दिल्ली सरकार की मुफ्त बस यात्रा योजना के कारण महिला यात्रियों के लिए बसों को नहीं रोकते हैं। जिसके बाद परिवहन मंत्री ने तुरंत संज्ञान लेते हुए दोषी बस कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की।

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