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‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को तथाकथित शराब घोटाले को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए देश के सामने सारा सच व तथ्य रखा। उन्होंने कहा कि शराब घोटाला भाजपा का मात्र एक राजनैतिक षड़यंत्र है। यह केवल केजरीवाल और ‘‘आप’’ को बदनाम करने की साजिश है। तथाकथित शराब घोटाले की स्किप्ट प्रधानमंत्री कार्यालय में लिखी गई और फिर इस कहानी को ईडी-सीबीआई को देकर उसे सबूत बनाने के लिए कहा गया। भाजपा कह रही है कि अगला नंबर केजरीवाल का है। इससे साफ हो जाता है कि ईडी-सीबीआई को भाजपा ही चला रही है। वरना भाजपा यह कैसे कह सकती है कि अगला नंबर केजरीवाल का है। उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदारी पर बहुत बड़े-बड़े प्रश्न खड़े हो रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री को केजरीवाल की ईमानदारी बर्दाश्त नहीं हो रही है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान तथाकथित शराब घोटाले को पूरी तरह से फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही कह रहे थे कि दिल्ली में किसी भी तरह का कोई शराब घोटाला नहीं हुआ है। आम आदमी पार्टी एक कट्टर ईमानदार पार्टी है। पूरे देश को आम आदमी पार्टी और उसके नेतृत्व की कट्टर ईमानदारी पर पूरा भरोसा है। देश के लोगों के इस भरोसे तो तोड़ने और आम आदमी पार्टी की ईमानदार छवि को खराब करने के लिए यह पूरा षड़यंत्र रखा गया और इन्होंने इसका नाम ‘दिल्ली शराब घोटाला’ दिया।

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने तथाकथित दिल्ली शराब घोटाले में आरोप लगाया कि साउथ लॉबी ने आम आदमी पार्टी के लोगों को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। सीबीआई-ईडी ने भी कोर्ट में यह माना है कि 100 में से 70 करोड़ रुपए का उनके पास कोई सबूत नहीं है। सीबीआई-ईडी ने आरोप लगाया है कि कोई राजेश जोशी नामक व्यक्ति साउथ लॉबी से 30 करोड़ रुपए लाया और उसने ये 30 करोड़ रुपए दिल्ली में ‘‘आप’’ के नेतृत्व को दिए। इनके पास सिर्फ इतना ही सबूत है कि किसी ने गवाही दी है कि राजेश जोशी ने 30 करोड़ रुपए ‘‘आप’’ को दिए।

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 6 मई को आए राउस एवेन्यू कोर्ट के आदेश में लिखा है कि राजेश जोशी के खिलाफ एक भी सबूत नहीं है कि वो साउथ लॉबी से एक भी पैसा लेकर दिल्ली आया। 30 करोड़ रुपए तो बड़ी दूर की बात है। जब राजेश जोशी एक भी पैसा लेकर नहीं आया, साउथ लॉबी ने कोई पैसा दिया नहीं है और आम आदमी पार्टी के नेतृत्व को पैसा मिला ही नहीं है तो सारा केस खत्म हो गया। न रिश्वत ली गई और न तो दी गई, तो केस ही क्या बचता है? राजेश जोशी को जमानत इसी आधार पर मिली है कि राजेश जोशी साउथ लॉबी से कोई पैसा लेकर आया, इसका कोई भी सबूत नहीं है।

उन्होंने कहा कि दूसरा आरोप लगाया कि रिश्वत में ली गई 100 करोड़ रुपए गोवा चुनाव में खर्च किए गए। गोवा में आम आदमी पार्टी ने जितने लोगों से काम कराया, उन सभी वेंडर्स के यहां सीबीआई- ईडी ने पिछले छह महीने में रेड मार ली और सबको गिरफ्तार कर लिया। गोवा चुनाव की सारी जांच करने के बाद ईडी इस नतीजे पर पहुंची है कि मात्र 19 लाख रुपए आम आदमी पार्टी ने कैश में खर्च किए। यह तो हमारे लिए बहुत बड़ा ईमानदारी का सर्टिफिकेट है। सीबीआई-ईडी का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने पूरे गोवा के चुनाव में केवल 19 लाख रुपए कैश में खर्च किए और बाकी चेक में किए। 100 करोड़ तो बहुत दूर की बात है। पूरे देश में ऐसी कौन सी पार्टी है, जो केवल 19 लाख रुपए किसी राज्य के चुनाव में खर्च करती है। सीबीआई-ईडी ने तो आम आदमी पार्टी को ईमानदारी का सबसे बड़ा सर्टिफिकेट दे दिया है। ईडी-सीबीआई को गोवा में भी कुछ नहीं मिला। न रिश्वत आई और न तो रिश्वत खर्च की गई। न रिश्वत ली गई और न दी गई।

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सच्चाई यह है कि शराब घोटाले की मात्र एक कहानी बनाई गई है। प्रधानमंत्री की ओर से उस कहानी को सीबीआई-ईडी को दिया गया और कहा गया कि इसी के ईर्द-गिर्द सबूत बनाओ। ईडी ने कोर्ट में कहा कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन तोड़ दिए। जांच के बाद पता चला कि सभी 14 फोन मौजूद हैं। इनमें पांच फोन तो सीबीआई-ईडी के ही पास है। ईडी ने झूठ बोला। इसके लिए ईडी पर मुकदमा चलना चाहिए। ईडी ने झूठ बोलकर मनीष सिसोदिया की जमानत नहीं होने दी।

उन्होंने कहा कि ईडी ने चार्जशीट के अंदर सांसद संजय सिंह का नाम डाल दिया। जब संजय सिंह मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी तो ईडी कहती है कि गलती से संजय सिंह का नाम आ गया। गलती से अनुराग ठाकुर, संबित पात्रा का नहीं आया, तो संजय सिंह का कैसे आ गया? संजय सिंह का नाम चार्जशीट में गलती से नहीं आया है, बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने ईडी को संजय सिंह का नाम डालने के लिए बोला और उसने डाल दिया। उनको ये विश्वास नहीं था कि संजय सिंह ईडी को धमका देंगे। ईडी पूरे देश में नोटिस जारी करती है और जिसको नोटिस मिलती है, उसकी पैंट गिली हो जाती है। लेकिन जब संजय सिंह नोटिस जारी करते हैं तो ईडी की पैंट गिली हो जाती है। ईडी ने कोर्ट में जाकर कहा कि संजय सिंह के खिलाफ उसके पास कोई सबूत नहीं है। संजय सिंह का नाम गलती से आ गया।

‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कम से पांच ऐसे गवाह हैं जिन्होंने कहा है कि उनके साथ मारपीट की गई। मानसिक रूप से प्रताड़ित कर झूठे बयान दिलाए गए और वे अपने बयान से पलट गए। ईडी ने एक आदमी को इतना मारा कि उसके कान का पर्दा फट गया। क्या ये जांच हो रही है, ये चल क्या रहा है? अब कोर्ट के आदेश के बाद साफ हो गया कि न किसी ने रिश्वत ली और न किसी ने रिश्वत दी, न कोई पैसा आया, न कोई पैसा खर्च हुआ, तो कौन सा शराब घोटाला? अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए शराब घोटाला मात्र एक राजनीतिक षड़यंत्र है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सत्यपाल मलिक एक इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा कि सत्यपाल मलिक कह रहे थे कि ये अगले चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर लेंगे। अगर उनको मुझे गिरफ्तार करना है तो कर लें। केजरीवाल बहुत छोटी चीज है।

उन्होंने कहा कि आज पूरा देश देख रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की ईमानदारी पर बहुत बड़े-बड़े प्रश्न खड़े होने लग गए हैं। उन पर कई घोटाले के आरोप लग रहे हैं। इसलिए उनको केजरीवाल बर्दाश्त नहीं हो रहा है। पूरे देश में अगर कोई ईमानदारी की बात करता है तो अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की बात होती है। भाजपा वाले रोज हमारे उपर कीचड़ उछाल रहे हैं और मुझे गिरफ्तार कराने की धमकी क्यों दे रहे हैं, गिरफ्तार करा लें। भाजपा कह रही है कि अगला नंबर केजरीवाल का है। इससे साफ हो जाता है कि ईडी-सीबीआई को भाजपा के लोग ही चला रहे हैं। वरना भाजपा कैसे कह सकती है कि अगला नंबर केजरीवाल का है। सीबीआई ने भाजपा को बताया है या भाजपा ने सीबीआई को बताया है। यह साफ जाहिर है कि भाजपा सीबीआई को बता रही है कि अगला नंबर अरविंद केजरीवाल का है, पकड़ लो। फिर सीबीआई फंसाने के लिए सबूत इकट्ठे करने लगती है।

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