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दिल्ली सरकार के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन की ओर से 25 जनवरी 2021 को दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को लेकर वित्तीय चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया। इसमें वित्तीय संस्थानों, वाहन निर्माताओं, वितरण सेवा प्रदाताओं और फ्लीड एग्रीगेटर्स के साथ चर्चा की गई। इस बैठक का आयोजन दिल्ली ईवी फोरम के तले किया गया। दिल्ली ईवी फोरम की पहली बैठक 18 दिसंबर 2020 को हुई थी।

दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन प्रसार के लिए वित्तीय संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों की पहचान करने के लिए बैठक बुलायी गई। आरएमआई इंडिया और डब्ल्यूआरआई इंडिया की ओर से सहयोग से चर्चा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा कि हम इलेक्ट्रिक वाहनों की दृष्टि से दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने में वित्तीय विकल्पों की कमी संबंधी महत्वपूर्ण बाधा है। इस चर्चा ने अग्रणी वित्तीय संस्थानों को सभी हितधारकों के साथ बेहद जरूरी संवाद के लिए आवश्यक मंच प्रदान किया है।

बैठक में प्रमुख बैंक और वित्तीय संस्थानों में यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एयू बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, मणिपुरम फाइनेंस शामिल हुए। इसके अलावा डिलिवरी सर्विस प्रोवाइडर्स में डेल्हिवरी फ्लीट एग्रीगेटर्स और ओईएम में हीरो इको, महिंद्रा इलेक्ट्रिक आदि शामिल हुए। बैठक में प्रतिभागियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्त से जुड़ी बाधाओं पर प्रकाश डाला और इसके संभावित समाधान भी सुझाए।

जस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली की ईवी नीती शुरुआत के बाद से ही दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दिल्ली ईवी फोरम में विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत के दौरान महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया मिली है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लोन की ब्याज दर काफी ज्यादा है। इसकी वजह ईवी तकनीक, पुराने वाहन का मूल्य और बैटरी की ताकत को लेकर संदेह रहना है। इन चिंताओं पर विचार करने के लिए हमने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं-ऑपरेटरों की मौजूदगी में सभी प्रमुख बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रो फाइनेंसिंग संस्थानों (एमएफआई) के साथ चर्चा का आयोजन किया। हम ईवी नीति के सुगम कार्यान्वयन के लिए इस तरह के निरंतर संवाद और हितधारकों के साथ सतत काम करना चाहते हैं।

वहीं डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यकारी निदेशक अमित भट्ट ने कहा कि बैंकों के सामने इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्तीय पोषण की चुनौती का कारण नई तकनीक और कम पुन: विक्रय मूल्य है। आकर्षक लोन की शर्तों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस चर्चा ने हमें चुनौतियों को विस्तार से समझने और मुद्दों को हल करने की दिशा में मदद की है।

आरएमआई इंडिया की प्रिंसिपल सुश्री अक्षिमा घाटे ने कहा कि दिल्ली की महत्वाकांक्षी ईवी योजना का लक्ष्य स्वच्छ यातायात की दिशा में मजबूत प्रतिबद्धता का संकेत है। व्यापक सतर पर हितधारकों से परामर्श करने से ईवी नीति तैयार करने में लाभ हुआ है। ये परामर्श आगे भी ईवी नीति के क्रियान्वयन में मदद करेगा। दिल्ली की ईवी नीति को वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत उप-राष्ट्रीय ईवी नीतियों में माना जा रहा है। दिल्ली सरकार का निरंतर संवाद को बढ़ावा देने का निर्णय इलेक्ट्रिक वाहनों के शुरुआती खरीदारों के सामने आने वाली बाधाओं को दूर कर लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करेगा।

दिल्ली सरकार ने 7 अगस्त 2020 को अपनी महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को अधिसूचित किया। अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2024 तक दिल्ली में खरीदे जाने वाले नए वाहन की बिक्री में 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है। ईवी नीति तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को लेकर व्यापक रणनीति तैयार करती है। राष्ट्रीय राजधानी में ईवी नीति, लक्षित वित्तीय प्रोत्साहन, गैर-वित्तीय प्रोत्साहन, चार्जिंग बुनियादी ढांचा, सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और हरित अर्थव्यवस्था का निर्माण करने संबंधी पांच प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है।

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