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आम आदमी पार्टी ने आज एक वीडियो जारी कर एलजी विनय कुमार सक्सेना के असल चरित्र को देश के सामने उजागर किया। साल 2002 का यह वीडियो साबरती आश्रम में महिला सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर हिंसक हमले से संबंधित है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि मेघा पाटकर पर हमला करने वाले हिंसक समूह का नेतृत्व विनय कुमार सक्सेना कर रहे हैं, जो दिल्ली के मौजूदा उपराज्यपाल हैं। ‘‘आप’’ मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर यह वीडियो जारी करते हुए राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि इस वीडियो को देख देश के लोगों को शर्म आएगी लेकिन पीएम मोदी को शर्म नहीं आएगी, क्योंकि उन्होंने ही सामाजिक कार्यकर्ता मेघा पाटकर पर हमला करने वाले हिसंक समूह के सरगना को दिल्ली का एलजी बनाया है। इस वीडियो को देखकर देश की महिलाएं और करोड़ों लोग यही सोच रहे होंगे कि पीएम मोदी ने महिला सामाजिक कार्यकर्ता पर हमला करने वाले व्यक्ति को दिल्ली का एलजी बनाकर बहुत ही शर्मनाक कृत्य किया है। उन्होंने कहा कि एलजी विनय सक्सेना इस मामले में दर्ज एफआईआर में आरोपी नंबर- 4 हैं। उनको पता है कि इसमें उन्हें सजा हो जाएगी। इसलिए वो कोर्ट की कार्यवाही से भाग रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री से एलजी विनय सक्सेना को पद से हटाने की मांग की है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने साबरमती आश्रम में हुई हिंसा का एक वीडियो जारी करते हुए देश के लोगों को इस वीडियो को देखने और इसके बारे में सोचने की अपील की और कहा कि क्या जो व्यक्ति हिंसक समूह का सरगना हो और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में आयोजित शांति सभा के दौरान हमले करवाता हो, मदर टेरेसा और ह्यूमन राइट्स जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर हमले करवाता हो, उसको दिल्ली का उपराज्यपाल होना चाहिए? देश के लोग पीएम नरेंद्र मोदी से यह सवाल जरूर करेंगे कि उन्होंने एक हिंसक समूह के सरगना को दिल्ली का एलजी कैसे बना दिया?

उन्होंने कहा कि इस वीडियो में साबरमती आश्रम में हमला करने वाले समूह का नेतृत्व करते हुए विनय कुमार सक्सेना दिख रहे हैं, जो एफआईआर में आरोपी नंबर-4 हैं और मौजूदा वक्त में दिल्ली के उपराज्यपाल हैं। भाजपा, प्रधानमंत्री और एलजी वीके सक्सेना से मेरा सवाल है कि आपने इस घटना को अंजाम क्यों दिया? क्या आपको कोर्ट के सामने जाकर न्यायालय की प्रक्रिया का पालन नहीं करना चाहिए, एलजी कोर्ट से भाग क्यों रहे हैं? संजय सिंह ने कहा कि एलजी वीके सक्सेना कोर्ट की कार्यवाही से इसलिए भाग रहे हैं, क्योंकि उनको मालूम है कि अगर वे कोर्ट के सामने गए और इस मामले में कोर्ट की कार्यवाही हुई तो उनको निश्चित रूप से सजा होगी।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना साबरमती आश्रम में हमला करने वाले गिरोह का नेतृत्व कर रहे थे। इसका पूरा साक्ष्य इस वीडियो में मौजूद है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि मेधा पाटकर को हमलावरों ने मारा-पीटा और बड़ी मुश्किल से उनको बचाकर एक कमरे में ले जाया गया। आश्रम हिंसा में मेधा पाटकर पर जिस समूह ने हमला किया, उस समूह को दिल्ली के मौजूदा एलजी वीके सक्सेना लीड कर रहे थे। वीडियो में दिख रहा है कि वीके सक्सेना साबरमती आश्रम में हुए हिंसक हमले के दौरान मौजूद थे और समूह को लीड कर रहे थे।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि हिंसक हमला करने का आरोपी होने के बावजूद विनय कुमार सक्सेना कह रहे हैं कि उनको एलजी होने के नाते न्यायालय की प्रक्रिया से दूर रखा जाए। इस केस का ट्रायल न चलाया जाए और उन्हें कोर्ट में न बुलाया जाए। आम आदमी पार्टी जानना चाहती है कि क्या ऐसे व्यक्ति को दिल्ली के एलजी पद पर बने रहना चाहिए? क्या ऐसे व्यक्ति को न्यायालय से सजा नहीं होनी चाहिए? क्या ऐसे व्यक्ति को समन के बावजूद कोर्ट के सामने पेश होने से छूट मिलनी चाहिए? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बापू के आश्रम में हिंसक हमले का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को दिल्ली का एलजी बनाकर बहुत ही शर्मनाक काम किया है। आज देश के करोड़ों लोग और माताएं-बहनें जब इस वीडियो को देखेंगी तो जरूर सोचेंगी कि हमारे प्रधानमंत्री ने एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता के ऊपर हमला करने वाले हिंसक समूह के सरगना को एलजी जैसे पद पर कैसे बैठा दिया? यह बहुत ही शर्मनाक बात है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग करते हुए कहा कि एलजी विनय कुमार सक्सेना को न्यायालय की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए कहें। आम आदमी पार्टी की मांग है कि एलजी को कोर्ट के समन का पालन करने के लिए बोला जाए और कोर्ट का ट्रायल चलाकर एलजी को जल्द से जल्द सजा दी जाए।

वहीं, आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि 20 साल पहले अहमदाबाद में एक गुंडा हुआ करता था। यह गुंडा भाजपा के खिलाफ कोई बोले या सवाल पूछे, तो उसको और महिलाओं को डराने-धमकाने काम करता था। कई सालों तक उसकी गुंडागर्दी चलती रही। भाजपा में जो व्यक्ति जितनी ज्यादा गुंडागर्दी करता है, उसके करियर का ग्राफ उतना ही ऊपर उठता है। वैसे ही इस शख्स के साथ भी हुआ। 20 साल तक गुंडागर्दी करने के बाद इस शख्स यानी साबरमती आश्रम हिंसा के आरोपी नंबर-4 को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाकर भेज दिया गया। ताकि दिल्ली में गुंडागर्दी का कम करे। जिस पर 147-दंगा करने, 321-चोट पहुंचाने व 506-धमकी देने जैसी संगीन धाराएं लगी हैं, उसे प्रधानमंत्री ने दिल्ली का उपराज्यपाल बना दिया। क्योंकि प्रधानमंत्री को उससे बेहतर गुंडा कोई नहीं मिला। उस पर महिलाओं को प्रताड़ित करने सहित कई संगीन आरोप है, फिर भी उसे दिल्ली की महिलाओं की रक्षा और दिल्ली की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई।

उन्होंने कहा कि जबसे एलजी दिल्ली आए हैं, दिल्ली में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता गया है। एलजी कहते हैं कि वो दिल्ली में पुलिस व क्राइम कंट्रोल के काम से बहुत खुश है। न जाने एलजी कौन सी दुनिया में रहते हैं। वह न तोसंविधान का पालन करते हैं और न सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। इस केस में दायर अपने हलफनामे में वो कह रहे हैं कि उनका ओहदा देश में गवर्नर से ऊपर और देश के प्रेसिडेंट से नीचे है। चूंकि मेरा ओहदा इतना ऊपर है। इसलिए मुझे कोर्ट से छूट मिलनी चाहिए। एलजी को डर है कि अगर वो कोर्ट में हाजिर हुए तो उनको सजा होगी। ऐसा इंसान, जिस पर इतनी सारी धाराएं लगी हों, जिसका क्रिमिनल कैरेक्टर हो, वो कैसे दिल्ली का उपराज्यपाल बन सकता है? मैं दिल्लीवालों और दिल्ली की महिलाओं की तरफ से प्रधानमंत्री से आग्रह करना चाहूंगी कि वीके सक्सेना को तुरंत एलजी के पद से हटाएं। साथ ही किसी अच्छे व्यक्ति को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया जाए।

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