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आम आदमी पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकार से छत्तीसगढ़ के हसदेव के जंगलों में अडानी ग्रुप द्वारा किए जा रहे कोयला खनन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। ‘‘आप’’ का कहना है कि हसदेव जंगल 5वीं अनुसूचित में आता है। इसलिए खनन के लिए वहां की ग्रामसभाओं से एनओसी लेना जरूरी है। लेकिन अडानी ग्रुप द्वारा ग्रामसभाओं से अनुमति नहीं ली गई है। इसके बावजूद खनन किया जा रहा है। ‘आप’’ के वरिष्ठ नेता कुलदीप कुमार ने बताया कि ग्रामसभाओं ने जब एनओसी देने से मना कर दिया तो अडानी ग्रुप ने फर्जी एनओसी बनवा कर जमा करा दिया। वहीं ‘आप’’ छत्तीसगढ़ प्रदेश सचिव प्रियंका शुक्ला ने बताया कि 20 ग्राम सभाओं ने खनन का विरोध किया है, इसके बावजूद लगातार खनन किया जा रहा है। 2021 में राज्यपाल खनन पर स्टे लगाते हुए ग्रामसभा की फर्जी एनओसी की जांच कराने के आदेश दिया, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। केंद्र सरकार की संस्था डब्ल्यूआईआई ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर हसदेव के जंगलों में खनन किया जाता है तो इसके बड़े दुष्परिणाम होंगे।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक कुलदीप कुमार और ‘‘आप’’ छत्तीसगढ़ की प्रदेश सचिव प्रियंका शुक्ला ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की। विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार जंगल, खादानों, एयरपोर्ट, पोर्ट समेत देश के सारे संसाधन अडाणी को देती जा रही है। अब भाजपा की केंद्र सरकार ने कोयला निकालने के लिए छत्तीसगढ़ का विशाल व घना हसदेव जंगल अडाणी को दे दिया है। कोयले को निकालने के लिए हसदेव जंगल काटा जा रहा है। जबकि संविधान की 5वीं अनुसूची में यह साफ कहा गया है कि अगर देश में कहीं भी जंगलों को काटा जाता है या जंगल से कोयला निकालते हैं तो इसके लिए वहां की ग्रामसभा से अनुमति लेना अनिवार्य है। लेकिन छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल के मामले में वहां की ग्रामसभा की फर्जी एनओसी बनाकर उसे जमा किया गया है। इसके विरोध में वहां की ग्रामसभा के आदिवासी लोगों ने जंगल और पर्यावरण को बचाने के लिए मुहीम चलाई है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी भाई-बहन अपने जंगलों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकी पूरी सरकार केवल एक बड़े उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए उन जंगलों को काटने पर आमादा है। भाजपा की केंद्र सरकार देश के पर्यावरण और जीव-जन्तुओं को खत्म करना चाहती है, उसको केवल उद्योगपतियों से पैसा चाहिए।

इस दौरान ‘‘आप’’ छत्तीसगढ़ प्रदेश सचिव प्रियंका शुक्ला ने कहा कि आमतौर पर लोग सोचते हैं कि यह छत्तीसगढ़ की अपनी लड़ाई है, लेकिन यह केवल छत्तीसगढ़ नहीं, बल्कि पूरे देश की लड़ाई है। आज पूरे देश और दुनिया में जलवायु परिवर्तन का संकट है। कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का कोई दोस्त नहीं है। इसलिए वो देश की बात करते हैं लेकिन आज पूरे देश में भाई-भतीजावाद चल रहा है। यही भाई-भतीजावाद आज छत्तीसगढ़ पर भी हावी है और छत्तीसगढ़ को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। हसदेव जंगल के लोगों को यह लड़ाई लड़ते हुए एक दशक हो चुके हैं। हसदेव जंगल मध्य भारत का बहुत ही घने जंगलों वाला इलाका है। छत्तीसगढ़ और झारखंड देश में घने जंगलों वाले राज्य हैं। छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल से एक-दो नहीं, बल्कि चार लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे। अब तक बीते एक साल में 50 हजार पेड़ काटे भी जा चुके हैं।

प्रियंका शुक्ला ने बताया कि हसदेव जंगल 5वीं अनुसूची में आता है। यहां की ग्राम सभा एक सरकारी संस्था है। ग्रामसभा ने एक प्रस्ताव लाकर हसदेव जंगल में खनन करने पर रोक लगाया और कहा कि ऐसा कोई भी कार्य करने से पहले अनुमति लेनी जरूरी है। हसदेव जंगल में आने वाली 20 ग्राम सभाओं ने एक साथ खनन का विरोध किया है। लेकिन ग्रामसभा की अनुमति के बावजूद खनन किया जा रहा है, ताकि आडाणी को लाभ पहुंचाया जा सके। खनन रोकने के लिए ग्रामसभा के लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया। राज्यपाल अनसुइया उइके ने वर्ष 2021 में मामले पर स्टे लगाते हुए फर्जी ग्रामसभा की जांच कराने के आदेश दिया, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हसदेव के जंगल की एक स्टडी कराई गई। केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली वन्य जीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) ने अपनी संयुक्त स्टडी रिपोर्ट में साफ कहा है कि यहां खनन नहीं किया जाना चाहिए। अगर खनन किया जाता है तो इसके बहुत बड़े दुष्परिणाम होंगे। इससे हाथी और मानव के बीच संघर्ष के मामले भी बढ़ेगे। क्योंकि जंगल कटेंगे तो हाथी कहां जाएंगे? आदिवासी, राज्यपाल, ग्राम सभा और डब्ल्यूआईआई के मना करने के बादजूद अडानी को इसका लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ऐसा कर रही है। वहीं, जब छत्तीसगढ़ में भाजपा विपक्ष में थी तो ये लोग राज्य सरकार को दोष देते थे। आज छत्तीसगढ़ में इनकी सरकार है तो कुछ करने की बजाय पुरानी सरकार पर ही इसका दोष मढ़ रहे हैं।

‘‘आप’’ छत्तीसगढ़ प्रदेश सचिव प्रियंका शुक्ला ने कहा कि 26 जुलाई 2022 को तत्कालीन सरकार ने सदन में एक प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें लोरमी सीट से विधायक धर्मजीत सिंह ने सबकी सहमति से एक संकल्प पास करवाया था कि हसदेव जंगल में हो रही खनन गतिविधियों को रद्द किया जाएगा। आज धर्मजीत सिंह भाजपा में हैं। यह बिल सदन में सर्वसम्मति से पारित हुआ था, उसका भी पालन नहीं किया गया। देश के लोगों को पता चलना चाहिए कि छत्तीगढ़ में क्या हो रहा है। और छत्तीसगढ़ के लोग जंगलों को बचाने के लिए किस तरह से संघर्ष कर रहे हैं। संघर्ष करने पर उनके उपर एफआईआर हो जाती है। अक्सर भाजपा धर्म और आस्था की बात करती है। छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल में भी हिंदू रहते हैं और उनकी भी आस्था है। आदिवासी समुदाय के लोग प्रकृति की पूजा करते हैं। जल, जंगल और जमीन की पूजा करते हैं। बूढ़ा देव वहां के समुदाय के देवता हैं, यह जंगल उनका स्थल माना जाता है। वहां के लोग श्रीराम की भी पूजा करते हैं। भगवान राम ने जिन जंगलों में 14 वर्ष का वनवास काटा, भाजपा आज उस जंगल को काट रही है। आम आदमी पार्टी केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार से अपील करती है कि हसदेव जंगल में खनन को तत्काल रोका जाए। देश के लोगों से भी अपील है कि वो हसदेव जंगल को जाकर देंखें कि क्या स्थिति बनी हुई है।

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