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पानी को लेकर दिल्ली की जनता के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है हरियाणा की भाजपा सरकार

हरियाणा की तरफ़ से दिल्ली को उसके हक़ का पानी नहीं दिया जा रहा है। ज्ञात हो कि सभी राज्यों के बीच पानी को लेकर समझौता होता है क्योंकि देश की नदियों के पानी पर समूचे देश का हक़ होता है। दिल्ली को लेकर तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है जिसके तहत हरियाणा राज्य यमुना नदी के माध्यम से एक तय मात्रा में पानी राजधानी को देने के लिए बाध्य है।

हरियाणा पिछले कई महीनों से दिल्ली को उसके हक़ का पानी भी नहीं दे रहा है जिसकी वजह से दिल्ली की जनता को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है और दिल्ली प्यासी है। इसी मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने राजधानी स्थित हरियाणा भवन पर धरना प्रदर्शन किया।

आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने कहा कि ‘हरियाणा की तरफ़ से दिल्ली को उसके हक़ का पानी नहीं दिया जा रहा है, जो समझौता दिल्ली और हरियाणा के बीच पानी को लेकर है उसका पालन हरियाणा सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। यमुना के पानी को लेकर हरियाणा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं कर रहा है। ज़ाहरि है कि यह राजनीति से प्रेरित है और दिल्ली की जनता के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार के सौतेले व्यवहार को भी दर्शाता है’

आम आदमी पार्टी के विधायक मदन लाल ने कहा कि ‘अभी गर्मी का मौसम शुरु हो चुका है और पानी की डिमांड पहले के मुकाबले राजधानी में बढ़ने वाली है लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार राजनीति से प्रेरित होकर दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। दिल्ली की जनता ने भाजपा को वोट देकर दिल्ली की सरकार में नहीं बिठाया तो भाजपा सीधे तौर पर दिल्ली की जनता से अपनी हार का बदला ले रही है जो बेहद ही निंदनीय है।

पानी की लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दिल्ली जल बोर्ड

दिल्ली जल बोर्ड अब पानी की इस लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आगामी सोमवार को इस मामले में सुनवाई होगी जहां दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता के हक़ के पानी की लड़ाई लड़ेगी। आपको बता दें कि हरियाणा को हर रोज़ 450 क्यूसेक पानी की सप्लाई यमुना नदी में दिल्ली के वज़ीराबाद जलाशय को देनी होती है जिसे हरियाणा की तरफ़ से नहीं दिया जा रहा है।

हरियाणा की तरफ़ से यमुना नदी में दिल्ली की तरफ़ पानी बेहद ही कम मात्रा में छोड़ा जा रहा है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यमुना नदी में कई जगह इतना कम पानी है कि पैदल ही नदी को पार किया जा सकता है।

ज्ञात हो कि पिछले कई महीनों से जब यमुना नदी में हरियाणा की तरफ़ से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ रही थी तब दिल्ली सरकार इस मामले को लेकर एनजीटी में गई थी, पानीपत की कुछ इंडस्ट्रीज़ की तरफ़ से पानी में अमोनिया छोड़ा जा रहा था जो पानी पीने के लायक भी नहीं था। हरियाणा के मुख्य सचिव ने इस बात को स्वीकार किया था और एनजीटी के ऑर्डर पर पानी की गुणवत्ता तो ठीक कर दी गई थी लेकिन अब पानी की मात्रा में हरियाणा की तरफ़ से जानबूझकर कमी की गई है जिससे अब दिल्ली की जनता प्यासी है।

आपको बता दें कि पानी की कमी की वजह से दिल्ली की एक कॉलोनी में पिछले दिनों हुए एक झगड़े में एक व्यक्ति की हत्या तक हो गई थी, जिससे पानी की गंभीर समस्या का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है और ज़ाहिर है कि ये समस्या हरियाणा की भाजपा सरकार की तरफ़ से पैदा की गई है और जिसके पीछे की वजह प्रशासनिक कम और राजनीतिक ज्यादा नज़र आती है।.

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sudhir