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Press Release, 8th November 2017

आम आदमी पार्टी ने 8 नवम्बर को मोदी सरकार के जनविरोधी नोटबंदी के फ़ैसले के ख़िलाफ़ इस दिन को ‘धोखा दिवस’ के रुप में मनाया। मोदी सरकार द्वारा थोपे गए नोटबंदी जैसे जनविरोधी फ़ैसले के ख़िलाफ़ पार्टी ने राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करते हुए अर्थव्यवस्था की अर्थी निकाली क्योंकि नोटबंदी के बाद से अर्थव्यवस्था लगातार ढलान की तरफ़ है। राजधानी दिल्ली में त्यागराज स्टेडियम के नज़दीक पार्टी के प्रदर्शन का नेतृत्व आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने किया जिसमें पार्टी के कई विधायक, सैंकड़ों कार्यकर्ता और आप महिला संगठन की कार्यकर्ता भी शामिल हुईं। इसके अलावा सभी राज्यों और ज़िला इकाइयों में भी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने नोटबंदी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए अर्थव्यवस्था की अर्थी निकाली और इस दिन को ‘धोख़ा दिवस’ के तौर पर मनाया।

आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार द्वारा लागू की गई जनविरोधी नोटबंदी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया जिसमें महिला संगठन की दिल्ली संयोजक रिचा पांडे मिश्रा, पार्टी के विधायक जरनैल सिंह, अल्का लाम्बा, गिरीश सोनी, कमांडो सुरेंद्र, नितिन त्यागी, विजेंद्र गर्ग, विशेष रवि एंव राजू धींगान मौजूद रहे। सभी ने मिलकर अर्थव्यवस्था की अर्थी निकाली और नोटबंदी को एक देशविरोधी निर्णय बताया।

प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा कि ‘ठीक एक साल पहले इसी दिन देश के प्रधानमंत्री ने देश को इतनी गहरी मुसीबत में डाल दिया था जिसका दंश देश की जनता भुगत रही है। प्रधानमंत्री ने बिना सोचे-समझे नोटबंदी जैसा निर्णय लेकर भारत की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने का काम किया था जिसके नतीजे के तौर पर तकरीबन 150 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं और करोड़ों लोगों के व्यापार ठप हो गए। भारत की अर्थव्यवस्था को मारने वाला काम देश के प्रधानमंत्री ने किया और ये देश के साथ एक बहुत बड़ा धोख़ा था, इसीलिए आम आदमी पार्टी इस दिन को ‘धोख़ा दिवस’ के तौर पर मना रही है।

आपको बता दें कि पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय किया कि 500 और 1000 के नोट अर्थव्यवस्था में चलन से हटा लिए जाएंगे,प्रधानमंत्री ने इस फैसले की वजह देश को ये बताई कि ऐसा अर्थव्यवस्था में मौजूद जाली नोटों और काला धन और आतंकवाद पर कार्रवाई करने के लिए किया गया है। जहाँ तक आतंकवाद पर रोक लगाने की बात थी, साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के अनुसार नोटबंदी के बाद भारत के अंदर साल 2017 में 649 लोग आतंकी घटनाओं में मारे गए हैं। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि चलन से हटाए गए पैसे का 99 फ़ीसदी वापस बैंकों में लौटकर आ गया हैI यानी नकदी के रूप में मौजूद लगभग पूरा ही काला धन बैंकों में जमा करा दिया गया और उम्मीदों के विपरीत वो बर्बाद नहीं हो पाया।

देश में 94 फीसदी लोग गैर- संगठित क्षेत्र में है, जिनका रोज़गार पूरी तरह से बर्बाद हो गया  हैI भारत एक बड़ी कैश इकोनॉमी है और नोटबंदी की नीति ने मेहनत से कैश में रुपए कमाने वाले उन मज़दूर तबके के लोगों को चोर बता दिया हैI यहां तक कि मांताओं-बहनों के द्वारा सालों से जमा की गई पूंजी को भी मोदी सरकार ने काला धन बता दियाI देश की बड़ी कंपनियों ने नई भर्तियों में करीब 45% की कटौती की। बड़ी तादाद में लोगों ने नौकरियां गंवाई हैंI

किसानी पर संकट  ज़्यादातर नकदी में लेन-देन करने वाले कृषि क्षेत्र पर भी बहुत बुरा असर पड़ा हैI किसानों को उनकी पैदावार के लिए वाजिब क़ीमत नहीं मिल रही हैI कई जगहों पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और आत्महत्याएं की I हर तरफ भयानक बेरोज़गारी और भूखमरी फ़ैली है I लोग अपना ही पैसा निकालने के लिए कई दिनों तक एटीएम के बाहर कतारों में खड़े दिखते रहेI इन सब के बीच तकरीबन 150 लोगों ने अपनी जान भी गंवाई I  अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। सरकार ने कुछ बड़े उद्योग घरानों के फायदे के लिए  अर्थव्यवस्था को ठप किया है और असली काले धन पर कुछ नहीं कियाI  काला धन अब भी विदेश जा रहा हैI नोटबंदी आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है और इसीलिए आम आदमी पार्टी मानती है कि नोटबंदी इस देश की जनता के साथ एक बहुत बड़ा धोख़ा है जो देश की मोदी सरकार ने अंजाम दिया है।

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sudhir